भारत ने ऑस्‍ट्रेलिया को हराकर वर्ल्‍ड टी20 के सेमीफाइनल में जगह बना ली। पल-पल रंग बदलते इस मैच में भारतीय टीम ने अपना संयम बरकरार रखा और आखिरी ओवर तक जाकर मैच अपने नाम कर लिया। मैच में भारत के लिए कई पॉजीटिव पॉइंट थे। भारत ने कई बार पिछड़ने के बाद वापसी की और मैच अपने नाम कर लिया। आइए जानते हैं भारत की जीत के पांच कारण:

करिश्‍माई कोहली
विराट कोहली एक बार फिर से टीम इंडिया के लिए संकटमोचक बनकर आए। दो विकेट सस्‍ते में गिरने के बाद कोहली ने पहले युवराज के साथ पारी को संवारा। इसके बाद कप्‍तान धोनी के साथ मिलकर उन्‍होंने आखिरी ओवर्स में लगभग 12 रन प्रति ओवर की दर से रन बनाए। कोहली ने लक्ष्‍य का पीछा करते हुए उन्‍होंने एक और पचासा उड़ाया। इसी के साथ उनका लक्ष्‍य का पीछा करते हुए रिकॉर्ड और शानदार हो गया।

डेथ ओवर्स में गजब की गेंदबाजी
शुरू के चार ओवर में 53 रन लुटाने के बाद भारतीय गेंदबाजों ने जोरदार वापसी की। जसप्रीत बुमराह, आशीष नेहरा और हार्दिक पंड्या ने आखिर के ओवर्स में सेंसीबल बॉलिंग की। इसके चलते ऑस्‍ट्रेलियाई पारी की उड़ान पर ब्रेक लग गए। एक समय ऑस्‍ट्रेलिया 10 रन प्रति ओवर की दर से रन बना रहा था लेकिन भारतीय गेंदबाजों की वापसी के चलते रनरेट 8 पर आ गिरी। बुमराह और नेहरा ने यॉर्कर लाइन पर ही गेंद डाली। ऑस्‍ट्रेलियाई पारी के आखिरी पांच ओवर में 44 रन बने। इनमें से भी 15 रन तो पंड्या के लास्‍ट ओवर में बने। इस दौरान दो विकेट भी गिरे।

युवराज की बॉलिंग
टूर्नामेंट में कप्‍तान महेंद्र सिंह धोनी ने युवराज सिंह से बहुत कम गेंदबाजी कराई थी। इसकी काफी आलोचना भी हुई थी। युवराज के पिता योगराज ने इस फैसले पर सवाल उठाते हुए धोनी को आड़े हाथों भी लिया था। लेकिन ऑस्‍ट्रेलिया के खिलाफ धोनी ने युवी को गेंद थमाई। युवराज ने भी अपने घरेलू मैदान में निराश न करते हुए विपक्षी कप्‍तान स्‍टीवन स्मिथ को सस्‍ते में चलता कर दिया। मैच में युवी ने तीन ओवर डाले और केवल 19 रन दिए।

फील्डिंग
मैच के दौरान भारतीय टीम की फील्डिंग भी काफी ऊंचे स्‍तर की रही। इसके चलते टीम ने अहम रन बचाए। रवीन्‍द्र जडेजा, विराट कोहली और सुरेश रैना की तिकड़ी ने मैदान में तेज गति से गेंद का लपका और वापस फेंका। इसके चलते कंगारू बल्‍लेबाज स्‍ट्राइक बदलने में नाकाम रहे। इससे उन पर दबाव आ गया। फील्‍डर्स के बीच तालमेल भी का नजर आया। इसका सबसे उदाहरण था सुरेश रैना का लॉन्‍ग ऑफ पर किया गया बचाव। हार्दिक पंड्या ने उनका बखूबी साथ दिया और चार रन की जगह केवल दो रन गए।

धोनी की कप्‍तानी
बांग्‍लादेश के खिलाफ कप्‍तानी से सबका दिल जीतने वाले महेन्‍द्र सिंह धोनी ने एक बार फिर काबिलियत दर्शाई। शुरू के ओवर्स में पिटाई के बाद भी उन्‍होंने नेहरा से लगातार तीसरा ओवर डलाया। नेहरा ने ही टीम को पहली सफलता दिलाई। इसके बाद उन्‍होंने भांप लिया कि पिच स्पिनर्स के मददगार है तो उन्‍होंने युवी और जडेजा को आक्रमण पर लगा दिया। दोनों ने मिलकर छह ओवर डाले और केवल 39 रन दिए। इसके साथ ही पंड्या को भी उन्‍होंने सही समय पर गेंदबाजी के लिए बुलाया।