बीसीसीआइ की शुक्रवार को होने वाली आमसभा की खास बैठक में सुप्रीम कोर्ट की नियुक्त लोढ़ा समिति की सिफारिशों पर चर्चा की जाएगी जिसने बोर्ड के ढ़ांचे में आमूलचूल बदलाव की सिफारिश की है। बोर्ड की एसजीएम अदालत के ढर्रे पर आने की चेतावनी मिलने के बाद आगे का रास्ता तलाशने के लिए बुलाई गई है। बोर्ड को तीन मार्च तक का समय दिया गया है। इससे पहले बोर्ड की कार्यसमिति की बैठक में उप समितियों द्वारा लिये गए फैसलों को मंजूरी दी गई। लोढ़ा समिति ने बोर्ड के पदाधिकारियों का कार्यकाल सीमित करने, उच्चतम आयुसीमा 70 साल करने, एक राज्य से एक वोट (जिसका सीधा असर महाराष्ट्र और गुजरात पर पड़ेगा) और मंत्रियों व सरकारी अधिकारियों के पदाधिकारी बनने पर रोक के सुझाव दिए हैं। इस महीने की शुरुआत में कानूनी समिति की बैठक के बाद बीसीसीआइ ने एसजीएम बुलाने का फैसला लिया था। इससे पहले बोर्ड ने अपने मान्यता प्राप्त सदस्यों को उनकी प्रबंध समिति की बैठक बुलाने और जस्टिस लोढ़ा समिति के दिए सुझावों के प्रभावों पर मशविरा करने के लिए कहा था।
बोर्ड सचिव अनुराग ठाकुर ने उन्हें लिखे पत्र में कहा था कि कुछ सुझावों के काफी व्यापक प्रभाव होंगे। आपको सुझाव दिया जाता है कि इस बारे में विशेषज्ञ की राय ले कि इससे आपके संघ पर क्या असर पड़ेगा। एसजीएम के विशेष एजंडे में आइसीसी के सदस्य बोर्ड के वित्तीय ढ़ांचे पर बात और एफीलिएशन कमेटी के छत्तीसगढ़ दौरे पर रिपोर्ट पर चर्चा शामिल है। आइसीसी ने हाल ही में संविधान में विवादास्पद सुधारों को खारिज करने का फैसला किया जिसके तहत भारत, आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड को अधिकांश वित्तीय अधिकार मिल गए हैं। शशांक मनोहर की अध्यक्षता वाले आइसीसी बोर्ड ने दुबई में इस महीने हुई बैठक में सत्ता के मौजूदा ढांचे में पूरे बदलाव की सिफारिश की।