जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटा लेने के भारत सरकार के साहसिक कदम से पाकिस्तान किस कदर बौखलाया हुआ है, इसका पता पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के बयान से चलता है। इमरान खान ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान दोनों ही परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र हैं और जम्मू-कश्मीर से धारा 370 खत्म करने जैसे कदम से दोनों देशों के बीच रिश्ते और बिगड़ेंगे। इमरान खान का यह बयान इस बात का स्पष्ट संकेत है कि जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के मसले पर पाकिस्तान चुप नहीं बैठने वाला और आने वाले दिनों में इस मसले को लेकर वह पूरी दुनिया में भारत के खिलाफ दुष्प्रचार अभियान छेड़ेगा। ऐसे कदम भी उठाएगा जो शांति के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं। सोमवार को इमरान खान ने मलेशिया के प्रधानमंत्री से बातचीत में भी इस मुद्दे को उठाया था। दरअसल, पाकिस्तान ने यह कभी सोचा भी नहीं होगा कि कश्मीर को लेकर भारत इतना कठोर फैसला कर सकता है। पाकिस्तान की नींद इसलिए भी उड़ी हुई है कि भारत कहीं अब सीधे पाक अधिकृत कश्मीर को लेकर कोई कदम न उठा ले। भारत ने यह तो स्पष्ट कर ही दिया है कि कश्मीर उसका अभिन्न अंग है और पाक अधिकृत कश्मीर भी इससे अलग नहीं है।
पिछले दिनों अमेरिका यात्रा के दौरान भी इमरान खान ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ मुलाकात में कश्मीर का मुद्दा उठाया था। इसके बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने संयुक्त राष्ट्र को पत्र लिख कर कश्मीर में मानवाधिकारों की बिगड़ती स्थिति, नियंत्रण रेखा के पास संघर्षविराम उल्लंघन और कश्मीर के विशेष संवैधानिक दर्जे को खत्म करने जैसे आरोप भारत पर लगाए। पाकिस्तान पहले से ही भारत के खिलाफ ऐसे अभियान छेड़े हुए है। यह उसकी कूटनीतिक रणनीति का हिस्सा है। पाकिस्तान चाहता है कि उसे दुनिया में जहां जिस मंच से बोलने का मौका मिले, वह जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने का मुद्दा उठाए। इस मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण कर अपने पक्ष में सहानुभूति जुटाने के लिए वह संयुक्त राष्ट्र, इस्लामिक सहयोग संगठन, मानवाधिकार संगठनों और मित्र देशों के दरवाजे खटखटाएगा। हालांकि भारत संयुक्त राष्ट्र और सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य देशों सहित ज्यादातर देशों को इस बारे में सूचित कर चुका है और साफ बता दिया है कि जम्मू-कश्मीर से धारा 370 खत्म करना भारत का अंदरूनी मामला है।
कश्मीर विवाद भारत और पाकिस्तान का आपसी मसला है। लेकिन धारा 370 भारत का अंदरूनी मसला है। इसमें पाकिस्तान को आपत्ति क्यों होनी चाहिए? धारा 370 इसलिए हटाई गई है ताकि कश्मीर में रहने वालों और अन्य भारतीय नागरिकों के बीच दशकों से चले आ रहे अधिकारों के भेदभाव को खत्म किया जा सके, घाटी में विकास की प्रक्रिया शुरू की जा सके, लोगों को रोजगार दिया जा सके और लोगों के बीच सरकार के प्रति भरोसा पैदा किया जा सके। धारा 370 हटाने और राज्य का पुनर्गठन होने से कश्मीर विवाद का स्वरूप तो नहीं बदलने वाला! हां, इतना जरूर है कि घाटी के लोगों का मन बदलने और उन्हें भारत की मुख्यधारा में लाने की दिशा में काम तेजी से होगा। पाकिस्तान की परेशानी इसी को लेकर है। पाकिस्तान यह बिल्कुल नहीं चाहता कि घाटी में शांति का माहौल बने। अगर कश्मीर घाटी के नौजवान पढ़-लिख कर रोजगार में लगने लगेंगे तो आतंकी संगठन पत्थरबाजों और आतंकियों की भर्ती कैसे करेंगे, पाकिस्तान की फिक्र यह है। पाकिस्तान समझ चुका है कि कश्मीर को लेकर भारत की नीति अब साफ है और बड़े फैसले लेने में वह बिल्कुल नहीं हिचकेगा। धारा 370 को हटाना इसका साफ संदेश है।