बांग्लादेश भारत के लिए एक अहम पड़ोसी देश है, इसलिए संबंधों को और बेहतर करने के लिए जो भी संभव हो, दोनों ओर से किया जाना चाहिए। इसी को ध्यान में रखते हुए पिछले कुछ समय से दोनों तरफ के शीर्ष नेताओं की बैठकों में अलग-अलग द्विपक्षीय मुद्दों पर जो जरूरी समझौते किए गए हैं, उनका दूरगामी महत्त्व है। इसी कड़ी में गुरुवार को ‘बंधन एक्सप्रेस’ को हरी झंडी दिया जाना एक अहम पहलकदमी है। यह ट्रेन कोलकाता और बांग्लादेश के औद्योगिक शहर खुलना के बीच चलेगी। 2001 में हुए द्विपक्षीय समझौते के तहत शुरू हुई इस ट्रेन सेवा का लाभ दोनों ओर से आने-जाने वाले यात्रियों को मिलेगा। लेकिन इस पहलकदमी की अहमियत इसलिए ज्यादा है कि दोनों देशों के बीच सौहार्द के संबंध को आगे बढ़ाने में यह एक प्रतीक का काम करेगी। खासतौर पर पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के लोगों के बीच जैसे ऐतिहासिक संबंध रहे हैं, उसमें लोगों की आवाजाही में बढ़ोतरी और सहजता से मजबूती आएगी।
ढाका और कोलकाता के बीच पहले से मैत्री एक्सप्रेस नामक ट्रेन चल रही है और उसकी बाबत संतोषजनक अनुभव रहा है। संभवत: उसकी कामयाबी और महत्त्व को देखते हुए ही बंधन एक्सप्रेस को चलाने का फैसला किया गया। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ठीक ही कहा कि भारत और बांग्लादेश के बीच पुराने ऐतिहासिक संबंध हैं और पड़ोसी देश होने के नाते दोनों देशों के नेताओं के बीच सही मायने में पड़ोसियों जैसे संबंध होने चाहिए; बातचीत और यात्रा के मामले को औपचारिकता और प्रोटोकॉल के बंधन में नहीं बांधा जाना चाहिए। दरअसल, प्रोटोकॉल की जकड़न कई बार औपचारिकताओं को सख्त नियम-कायदों में तब्दील कर देती है। शायद यही वजह है कि प्रधानमंत्री ने प्रोटोकॉल पर जोर कम करने की वकालत की। गौरतलब है कि बंधन एक्सप्रेस की एक खासियत यह भी है कि इसमें सफर करने वाले यात्रियों और उनके सामान की जांच सिर्फ एक बार की जाएगी। यह किसी से छिपा नहीं है कि दो देशों के बीच यात्रा के दौरान जितनी तरह की जांच और औपचारिकताओं को पूरा करना पड़ता है, वह एक सामान्य आदमी के लिए बोझ की तरह ही होता है। जबकि अगर किसी तरह की कोताही न बरती जाए तो एक बार की जांच से भी सुरक्षा को लेकर निश्चिंत हुआ जा सकता है।
किसी भी क्षेत्र में विकास का सीधा संबंध संपर्क से है। भारत के लिए बांग्लादेश न सिर्फ भौगोलिक, बल्कि कूटनीतिक और सामरिक नजरिए से भी काफी महत्त्व रखता है। इसलिए संबंधों में सहजता व्यापार से लेकर सांस्कृतिक मोर्चे पर भी आपसी सहयोग के बेहतर रास्ते तैयार करेगी। सात महीने पहले बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के भारत दौरे के समय भी दोनों देशों के बीच सैन्य साज-सामान की खरीद, असैन्य परमाणु समझौता, बस सेवा और बिजली आपूर्ति जैसे मामलों सहित बाईस अहम समझौते हुए थे। उन समझौतों के आर्थिक और व्यावसायिक आयाम काफी दूरगामी हैं। लेकिन बांग्लादेश कूटनीतिक लिहाज से भी भारत के लिए बेहद महत्त्वपूर्ण है। हाल में चीन ने बांग्लादेश को अपने असर में लेने की लगातार कोशिश की है। यहीं बांग्लादेश से संबंधों में बेहतरी भारत के लिए और भी जरूरी हो जाती है। बंधन एक्सप्रेस ने द्विपक्षीय संबंध और प्रगाढ़ होने का भरोसा दिलाया है।