जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर आतंकी हमले का स्वरूप ऐसा है कि भारत सरकार के लिए इस मसले पर ठोस कार्रवाई करना वक्त की जरूरत है। इसलिए भारत ने इस बर्बर घटना के बाद सख्त कदम उठाते हुए अगर पाकिस्तान को साफ संदेश दिया है तो यह स्वाभाविक है। यह जगजाहिर हकीकत है कि भारत में आतंकवादी गतिविधियों के पीछे पाकिस्तान की क्या भूमिका रही है। इसलिए भारत के सामने अब एक तरह की मजबूरी आ खड़ी हुई है कि वह आतंकवाद और उसे शह देने वाले देश के खिलाफ नीतिगत स्तर पर कोई ठोस कदम उठाए।
इसी क्रम में गुरुवार को भारत ने पाकिस्तान के विरुद्ध कई कड़े कदम उठाने की घोषणा की। इनमें पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा पर पाबंदी, दूतावास में राजनयिक कर्मचारियों की संख्या में कटौती, अटारी-वाघा सीमा को बंद करना और सबसे अहम छह दशक पुरानी सिंधु जल संधि के क्रियान्वयन को निलंबित करना शामिल है।
जाहिर है, भारत की ओर से आतंक के विरुद्ध उठाए गए ये कदम पाकिस्तान को नागवार गुजरेंगे, लेकिन सच यह है कि लंबे समय से भारत में आतंकवाद की समस्या को और ज्यादा जटिल बनाने में पाकिस्तान की जो भूमिका रही है, उसने कई स्तर पर मुश्किलें खड़ी की हैं।
दूसरी ओर, आतंकवाद को बढ़ावा देने में अपने भूमिका पर शर्मिंदा होने के बजाय पाकिस्तान इस मसले पर आमतौर पर अपनी हठधर्मिता ही प्रदर्शित करता रहा है। इस बार भी जब भारत ने कुछ सख्ती दिखाई तो हकीकत स्वीकार करने के बजाय पाकिस्तान ने भी जवाबी कार्रवाई के तौर पर भारत के साथ द्विपक्षीय शिमला समझौते को निलंबित करने, हवाई क्षेत्र और सीमाओं को बंद करने जैसे कुछ कदम उठाने की घोषणा कर दी।
सवाल है कि ऐसा करके पाकिस्तान क्या साबित करना चाहता है। पहलगाम में आतंकी हमला आतंकवादियों के अपने एजंडे के लिए क्रूरता की हर हद को पार करने की मंशा का सबूत है। वरना क्या कारण है कि कश्मीर गए जिन पर्यटकों का उद्देश्य वहां घूमना-फिरना और प्रकृति के सौंदर्य के बीच खुशी के कुछ पल गुजारना था, उन्हें भी मार डालने में आतंकियों को कोई हिचक नहीं हुई।
इस हमले का एक सीधा असर जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था की रीढ़ पर चोट भी है। सवाल है कि इस तरह की क्रूरता करके आतंकवादी किसके हित में काम कर रहे हैं। समय-समय पर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत सबूतों के साथ आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान को कठघरे में खड़ा करता रहा है। मगर पाकिस्तान हर बार इसे महज आरोप बताता है। जबकि भारतीय सीमा में घुसपैठ से लेकर आए दिन होने वाले आतंकी हमलों में पाकिस्तान के संरक्षण के तथ्य सामने आते रहे हैं।
फिलहाल पाकिस्तान जल संकट से दो-चार है और ऐसे में अगर भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित करने की घोषणा की है तो इससे पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ेंगी। पहलगाम में पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी और उसमें काफी लोगों की मौत के बाद भारत ने जो सख्त कदम उठाने की घोषणा की है, उसमें यह संदेश साफ है कि अगर पाकिस्तान आतंक के रास्ते भारत को अस्थिर करने और निर्दोष लोगों की हत्या करने वाले आतंकवादी संगठनों को समर्थन और शह देना जारी रखता है तो उसे इसके नतीजे भी भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए।