महत्वाकांक्षा की भूख के आगे कई बार नैतिकता इस कदर हार जाती है कि व्यक्ति अपराध करने से भी नहीं हिचकता। मगर इससे बड़ी विडंबना और क्या हो सकती है कि इस तरह की प्रवृत्ति का शिकार कोई व्यक्ति अपने मासूम बच्चे को भी दांव पर लगा दे।

उत्तराखंड के हरिद्वार में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी से जुड़ी एक महिला नेता ने अपनी नाबालिग बेटी के साथ जो किया, उसकी कल्पना करना भी किसी संवेदनशील इंसान के लिए मुश्किल है। आरोप के मुताबिक, महिला ने अपनी ही मासूम बेटी को अपने प्रेमी और उसके दोस्तों के हवाले कर दिया। उसके बाद बच्ची से सामूहिक बलात्कार किया गया। यह आरोप अपने आप में इस प्रकृति का है कि एकबारगी इस पर विश्वास करना मुश्किल हो सकता है।

मगर पुलिस ने इस संबंध में जो बताया, उसके बाद यह सवाल बहुत सारे लोगों के सामने खड़ा है कि महत्त्वाकांक्षा की हद आखिर क्या हो सकती है और उसके दुश्चक्र में फंसी कोई महिला ऐसी हरकत कैसे कर सकती है।

बीजेपी ने आरोपी महिला को पार्टी से निकाला

आरोप सामने आने के बाद भाजपा ने महिला नेता को पार्टी से निष्कासित कर दिया है, लेकिन इस मामले से यही साफ होता है कि चिंताजनक रूप से राजनीति में अब कुछ ऐसे लोग अपने पांव जमा रहे हैं, जिनका आचरण मर्यादा के विरुद्ध है और जिनके भीतर नैतिकता के लिए जगह नहीं दिखती।

Haridwar: देवभूमि से झकझोरने वाली खबर! मां ने प्रेमी से करवाया नाबालिग बेटी का रेप, BJP ने पार्टी से निकाला

पिछले दिनों सामने आई कुछ घटनाओं ने राजनीति पर गहरा प्रभाव डाला है और समाज के सामने एक बड़ा प्रश्नचिह्न भी खड़ा किया है। हरिद्वार की घटना से मां-बेटी के गरिमामय संबंधों को भी ठेस पहुंची है। कल्पना की जा सकती है कि पीड़ित बच्ची के भीतर अपनी मां को लेकर कैसी छवि बनेगी। उसके भीतर भरोसे को लेकर जो संकट पैदा होगा, उसके बारे में सिर्फ अंदाजा ही लगाया जा सकता है। बलात्कार जैसा अपराध किसी भी महिला के मानस को बुरी तरह प्रभावित करता है। मगर खासतौर पर कम उम्र के बच्चों के खिलाफ यौन उत्पीड़न जैसे जघन्य अपराध उनके कोमल मन-मस्तिष्क पर दीर्घकालिक रूप से घातक असर डालते हैं।

यह समझना मुश्किल है कि ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ के नारे के दौर में बेटियां इस तरह के असुरक्षित घेरों में जीने के लिए कैसे बाध्य की जा रही हैं।