आतंकवाद आज पूरी दुनिया में मानवता के लिए बड़ा खतरा बन गया है। यह शांति, सह-अस्तित्व, विकास और लोकतंत्रिक मूल्यों के लिए चुनौती खड़ी कर रहा है। किसी भी धार्मिक, वैचारिक या राजनीतिक कारणों से आतंकवाद को जायज नहीं ठहराया जा सकता। यह एक ऐसा नासूर बन चुका है, जो अपने आप खत्म नहीं होगा। इसके खात्मे के लिए ठोस और सामूहिक प्रयास की जरूरत है। भारत आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में वैश्विक समुदाय को एकजुट करने की कोशिश करता रहा है।

परिणामस्वरूप कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आतंकवाद के खिलाफ मुखरता से आवाज उठी है। अब चार देशों के समूह क्वाड ने भी जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है। साथ ही इस हमले की साजिश रचने वालों, उसे अंजाम देने वालों और इसके वित्त पोषकों को बिना किसी देरी के न्याय के कठघरे में लाने का आह्वान किया है। क्वाड के इस कदम से आतंकवाद के खिलाफ भारत की ‘कतई बर्दाश्त नहीं करने’ की नीति को बल मिला है।

आतंकवाद के खात्मे के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एकजुटता में अब भी कमी

यह बात छिपी नहीं है कि पाकिस्तान समेत कुछ चुनिंदा देश आतंकियों का पालन-पोषण कर उन्हें हथियार की तरह इस्तेमाल करते हैं। भारत ने कई मौकों पर पाकिस्तान की इस असलियत को वैश्विक समुदाय के समक्ष सबूतों के साथ उजागर किया है। मगर, पाकिस्तान हमेशा इससे इनकार करता रहा है। हालांकि, आतंकवाद के खिलाफ दुनिया के हर कोने से आवाज उठ रही है, लेकिन इसके खात्मे के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जो एकजुट प्रयास होने चाहिए, वे अभी नजर नहीं आ रहे हैं।

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पिछले माह चीन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन में शामिल देशों के रक्षा मंत्रियों की बैठक में भारत ने आतंकवाद के मुद्दे को उठाया। मगर, जब साझा बयान जारी करने को लेकर चर्चा हुई, तो पाकिस्तान ने इस मुद्दे को शामिल न करने की बात कही, जिस पर भारतीय पक्ष ने कड़ा विरोध जताया। इससे पाकिस्तान के नापाक इरादों का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है।

वैसे संयुक्त राष्ट्र ने भी पाकिस्तान में मौजूद कई आतंकियों को वैश्विक सूची में शामिल किया है, लेकिन यह बात समझ से परे है कि सब कुछ जानते हुए हाल ही में पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंकवाद रोधी समिति का उपाध्यक्ष किस आधार बनाया गया? अब क्वाड में शामिल देशों अमेरिका, आस्ट्रेलिया, जापान और भारत ने संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों से आग्रह किया है कि वे अंतरराष्ट्रीय कानूनों और अपने दायित्वों के अनुसार आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सभी संबंधित प्राधिकारों के साथ सक्रिय रूप से सहयोग करें।

इतना ही नहीं, क्वाड ने अपने संदेश में आतंकवाद के खिलाफ भारत की कार्रवाई का भी दृढ़तापूर्वक समर्थन किया है। इस संदेश में भले ही पाकिस्तान का सीधे तौर पर नाम नहीं लिया गया, लेकिन आतंकवाद का पालन-पोषण कौन करता है, यह पहले से जगजाहिर है। ऐसे में वैश्विक समुदाय को चाहिए कि इस मुद्दे पर वह एकजुट होकर ठोस और कड़े कदम उठाए, ताकि आतंकवाद को जड़ से खत्म किया जा सके।