पंजाब नेशनल बैंक कर्ज धोखाधड़ी मामले में मुख्य आरोपी मेहुल चोकसी की बेल्जियम में गिरफ्तारी भारत की बड़ी कूटनीतिक कामयाबी कही जा सकती है। चोकसी पर करीब साढ़े तेरह हजार करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने का आरोप है। उसने पंजाब नेशनल बैंक के अधिकारियों से सांठगांठ कर यह पैसा विदेशी बैंकों में भेज दिया था। फिर इस मामले का पर्दाफाश होने से पहले ही, करीब सात साल पहले, देश छोड़ कर फरार हो गया। उसने पहले ही एंटीगुआ में निवेश का तर्क देकर वहां की सदस्यता ले ली थी। सीबीआइ और प्रवर्तन निदेशालय तबसे उस पर नजरें टिकाए हुए थे, मगर चोकसी उन्हें चकमा दे रहा था।

अब जब वह इलाज के लिए बेल्जियम पहुंचा तो प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआइ ने वहां की पुलिस को सारे संबंधित दस्तावेज सौंपते हुए गिरफ्तार करने की अपील कर दी। उसी आधार पर उसे गिरफ्तार किया गया। अब भारतीय एजंसियां उसके प्रत्यर्पण की तैयारी में हैं। चूंकि बेल्जियम के साथ भारत की प्रत्यर्पण संधि है, इसलिए दावा किया जा रहा है कि चोकसी को भी उसी तरह भारत लाया जा सकेगा, जैसे मुंबई हमलों में आरोपी तहव्वुर राणा को कुछ दिनों पहले अमेरिका से भारत लाया गया। यह देखने की बात है कि भारतीय एजंसियों को इसमें कितनी जल्दी कामयाबी मिल पाती है।

मेहुल चोकसी की गिरफ्तारी कम करेगा सरकार पर दबाव

आर्थिक अपराध कर दूसरे देशों में जा बसे भगोड़ों पर नकेल कसना भारत सरकार के लिए बड़ी चुनौती है। सरकार पर मेहुल चोकसी, विजय माल्या, नीरव मोदी जैसे आर्थिक अपराधियों को वापस लाकर उनके खिलाफ उचित कार्रवाई करने का दबाव लंबे समय से बना हुआ है। इसे लेकर सरकार को काफी किरकिरी भी झेलनी पड़ी है। ऐसे में, मेहुल चोकसी की गिरफ्तारी से स्वाभाविक ही सरकार पर दबाव कुछ कम होगा। मगर तकनीकी रूप से उसका प्रत्यर्पण इतना आसान नहीं माना जा सकता, जितना दावा किया जा रहा है।

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चोकसी के वकील तर्क दे रहे हैं कि उसे अवैध तरीके से गिरफ्तार किया गया है। यह ठीक है कि बेल्जियम के साथ भारत की प्रत्यर्पण संधि है, पर चोकसी अपनी नागरिकता का हवाला देकर मामले को लटकाने का प्रयास कर सकता है। फिर, जैसा कि उसका सहअभियुक्त और भतीजा नीरव मोदी लंबे समय से ब्रिटेन में रहते हुए अपने प्रत्यर्पण के खिलाफ दलीलें पेश कर रहा है, वैसा ही मेहुल चोकसी भी कर सकता है। इसलिए, सीबीआइ और प्रवर्तन निदेशालय को उसके प्रत्यर्पण के लिए लंबा संघर्ष करना पड़ सकता है।

अब तक की सबसे बड़ी आर्थिक धोखाधड़ी मानी जाती है मेहुल चोकसी

निस्संदेह चोकसी की गिरफ्तारी से उन सभी लोगों और बैंकों ने खुशी अनुभव की होगी, जिनके साथ उसने धोखाधड़ी की है। पर, उसके प्रत्यर्पण भर से यह भरोसा नहीं दिलाया जा सकता कि उसने जो पैसे यहां से विदेशों में भेजे, वे वापस लाकर उन लोगों को दिलाए जा सकते हैं। असल सवाल यही है कि आखिर उस पैसे की वापसी कैसे हो। पंजाब नेशनल बैंक की वह धोखाधड़ी अब तक की सबसे बड़ी आर्थिक धोखाधड़ी मानी जाती है।

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मेहुल ने उन पैसों से किन देशों में कितनी संपत्ति अर्जित की और किन-किन बैंकों में उसे छिपाया, उसकी वसूली आसान काम नहीं है। पर जिस तत्परता और संजीदगी से प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआइ इस मामले में लगे हुए थे, उससे यह उम्मीद बनती है कि रकम वापसी के रास्ते भी वे जल्दी तलाश लेंगे। फिर, चोकसी की गिरफ्तारी से यह संदेश भी गया है कि आर्थिक धोखाधड़ी करने वाले बहुत देर तक खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर सकते।