विविधता सर्वव्यापी है। जीवन के हर क्षेत्र में है। लोगों की कद-काठी, चलने का अंदाज, खानपान, शौक, पसंद, नापसंद, पहनावा ही नहीं, रंगों का चुनाव और जीवन शैली सभी में भिन्नता है। हर घर में एक खिड़की खोल कर रहने वाला होगा, तो एक खिड़की बंद करके रहने वाला। यहां तक कि पति-पत्नी के शौक में भी विविधता मिलेगी। पति को अगर तेज मिर्च-मसाले वाला खाना पसंद होगा, तो पत्नी को सादा और कम मिर्च-मसाले वाला। किसी को ठंड में भी फ्रिज का ठंडा पानी पसंद होगा, तो किसी को गर्मी में भी सामान्य पानी।
भिन्नता कपड़ों और उनकी चयन प्रक्रिया में भी नजर आती है। कोट हो तो कौन से रंग और स्टाइल का हो। टाई हो तो कैसी हो। कमीज के ब्रांड में भी राय और पसंद अलग होगी और रंगों में भी। गरज यह कि क्या छोटी, क्या बड़ी, सभी बातों में लोगों की राय और पसंद भिन्न होती है। सभी लोगों की एक ही पसंद होना दुर्लभ संयोग है। भिन्नता में भी अंदर ही अंदर एकता का अंश होता ही है, जो जीवन को मजबूती देता है।
अगर जीवन में भिन्नता और विविधता न हो तो, क्या स्थिति बनेगी? सभी फूल एक जैसे हों, गायक एक-सा गाएं, यानी सभी कुछ एक-सा हो तो जिंदगी नीरस और उबाऊ बन जाएगी। न प्रयोग होंगे, न शोध होंगे, न तरक्की होगी और न ही जीवन के रंग उभरेंगे। सभी ओर मायूसी नजर आएगी। जीवन में जितने अधिक विकल्प होते हैं, उतनी ही अधिक सफलता मिलती है। सीमित विकल्प में सफलता भी सीमित ही मिलती है। गतिशीलता और रवानी की जरूरत है, स्थिरता की नहीं। स्थिरता संतोष तो देती है, पर आगे बढ़ने की प्रेरणा विभिन्नता से ही मिलती है। जीवन के हर क्षेत्र में विकल्प, गतिशीलता और विविधता ही आगे बढ़ाती है।
ऊर्जावान और प्रतिभाशाली व्यक्ति पैमाल रास्ते पर नहीं चलता। वह नया रास्ता तलाशता है और इसलिए उसे विविधता युक्त वातावरण अधिक रास आता है। अगर ऐसा न होता तो अब भी लोग वही सब कर रहे होते, जो वर्षों पहले उनके पुराने करते रहे थे। न नए आविष्कार होते, न विविध सुविधाएं प्रदान करने वाले संयंत्र उपलब्ध हो पाते। यानी जिसे हम तरक्की कहते हैं, वह नहीं हो पाती और यह जीवन के हर क्षेत्र में नजर आता है। फिर वह सामान्य जीवन हो या कला और अन्य विधाएं। पैदल या बैलगाड़ी के सफर से लेकर हवाई जहाज, इंटरनेट और स्मार्टफोन तक की यात्रा यही साबित करती है। यात्रा अभी जारी है, नित नए उपकरण बन रहे हैं।
अब खेल को ही लें। हर खेल में उसी खिलाड़ी को याद किया जाता है, जिसका खेलने का अंदाज औरों से भिन्न होता है। क्रिकेट में कोई आन साइड पर अच्छा खेलता है, तो कोई आफ साइड पर। किसी का अंदाज आक्रामक होता है, तो किसी का सुरक्षात्मक। कालजयी खिलाड़ी वही है, जो अपने खेल से खेल का रूप ही बदल दे। फिर वह ब्रेडमेन हो, जार्ज हेडली, हाब्स, हेमंड या शेनवार्न। हाकी में भी समय-समय पर खेलने की शैली में परिवर्तन हुए हैं। व्यक्तिगत प्रदर्शन का महत्त्व था और ड्रिबलिंग की अहमियत थी, फिर धीरे-धीरे खेल कलात्मक होता गया और शारीरिक ताकत का महत्त्व बढ़ा और बड़े-बड़े ‘पास’ यानी दूर तक गेंद मार कर साथी की ओर भेजने का चलन बढ़ा। यह भिन्नता ही है, जो जीवन के हर क्षेत्र को गति देती है। सभी गुलाब, चमेली या मोगरा हो जाएं, तो जीवन नीरस हो जाएगा।
हर क्षेत्र में अलग-अलग रंगों में ही सौंदर्य निखरता है। हर खिलाड़ी की अलग शैली ही उसे अन्य खिलाड़ियों से भिन्न करती और उसे सर्वकालिक महान खिलाड़ियों की सूची में स्थान दिलाती है। जिन लोगों ने शेनवार्न की जादुई स्पिन कला को देखा है, वे शायद ही उनकी उस गेंद को भूल पाएंगे, जिस पर उन्होंने माइक गैटिंग को बोल्ड किया था और जिसे सदी की श्रेष्ठ गेंद के रूप में याद किया जाता है।
हर फूल का रंग, उसकी खुशबू और हर जगह की मिट्टी एक-दूसरे से भिन्न है। उसी तरह इंसान, उसका स्वभाव और उसका हर अंदाज एक-दूसरे से भिन्न रहते हुए भी सभी आपस में किसी अदृश्य धागे से भीतरी तौर पर जुड़े हुए हैं। भिन्नता की यही एकता जीवन की विशेषता है। यह विचित्र है और आश्चर्यजनक भी कि परस्पर विरोधी स्वभाव और अंदाज के लोग भी किसी न किसी कारण एक-दूसरे से किसी न किसी तरह बंधे हुए नजर आते हैं। परस्पर विरोध में भी आकर्षण अजीब लग सकता है, पर होता है। एक जैसे लोगों में दूरी और असमान लोगों में आकर्षण नई बात नहीं है।
तरह-तरह के व्यंजन जब एक स्थान पर थाली में परोसे जाते हैं तभी उन व्यंजनों और थाली की शोभा बढ़ती है। इसी तरह विभिन्न वस्तुओं की भी पूरी शान तभी निखरती है, जब वे किसी एक स्थान पर एकत्रित कर दी जाती हैं।