नेशनल शूटर तारा शाहदेव को 9 साल बाद इंसाफ मिल गया है। रांची की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने तारा के पति रंजीत कोहली उर्फ रकीबुल हसन को उम्रकैद की सुजा सुनाई है। यह सजा जज प्रभात कुमार शर्मा ने गुरुवार को सुनाई। वहीं तारा की सास कोशल रानी को 10 साल और एक अन्य दोषी मुश्ताक अहमद को 15 साल के लिए जेल हुई। इतना ही नहीं, कोर्ट ने तीनों दोषियों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। हालांकि कोहली के वकील का कहना है कि वे इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देंगे। चलिए बताते हैं कि पूरा मामला क्या है?
दरअसल, तारा और कोहली की शादी 7 जुलाई 2014 को हिंदू रीति-रिवाज से हुई थी। हालांकि तब तारा को पता नहीं था कि कोहली मुस्लिम है। अपनी शिकायत में तारा ने कहा था कि शादी के अगले ही दिन उनके पति ने उन पर इस्लाम धर्म कबूल करने का दबाव बनाना शुरू कर दिया था। मुस्ताक उस समय रजिस्ट्रार ऑफ विजिलांस में था। वह भी तारा पर इस्लाम धर्म अपनाने का दबाव बनाता था। वे कह रहे थे कि तारा को निकाह करना होगा।
शादी के अगले दिल तारा के सामने खुला पति के मुस्लिम होने का राज
तारा का कहना था कि कोहली ने मुस्लिम होने की बात छिपाकर उससे शादी की थी। शादी के बाद ही तारा को पता चला कि वह हिंदू नहीं बल्कि मुस्लिम है। उसका असका नाम रकीबुल हसन है। उसकी सास भी कोहली का साथ देती थीं। वे भी तारा पर मुस्लिम धर्म अपनाने का दबाव बनाती थी। तारा ने शिकायत में कहा था कि शादी के बाद भी कोहली कई लड़कियों से मिलता था। हसन ने रांची रेलवेस्टेशन के पास होटल में रूम बुक करवाता था। जहां वह लड़कियों को नामी-गिरामी लोगों के पास भेजता था।
पति और सास करते थे टॉर्चर
तारा ने अपने पति और सास पर प्रताड़ित करने का भी आरोप लगाया था। तारा का कहना था कि ले उसके साथ मारपीट करते थे। वे लोग धर्म परिवर्तन के लिए उसे टॉर्चर करते थे।
लड़ी लंबी लड़ाई
तारा ने अपने ऊपर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाने की सोची। वह पुलिस के पास पहुंची और कोर्ट में तलाक का मामला दायर किया। उन्होंने मामले की जांच के लिए सीबीआई की मांग की। इसके बाद यह मामला सीबीआई को सौंप दिया गया था। तीन साल बाद जून 2018 में रांची फैमिली कोर्ट से क्रूरता के आधार पर तारा को तलाक की मंजूरी मिल गई। तारा ने कोर्ट में दलील दी थी कि कोहली ने शादी के लिए उससे मुस्लिम होने की बात छिपाई थी।