RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के बड़े बेटे व विधायक तेज प्रताप यादव ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह व बिहार DGP को पत्र लिखकर वाई कैटेगरी सुरक्षा की मांग की है। साथ ही तेज प्रताप ने अपनी जान को भी खतरा बताया है। बता दें कि, बीते दिनों तेज प्रताप के सरकारी आवास पर कुछ लोगों ने जबरन घुसकर हंगामा किया था।
केंद्रीय गृहमंत्री को लिखा पत्र: तेज प्रताप यादव ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) को लिखे पत्र में कहा कि, मैं पटना स्थित अपने सरकारी आवास में रहता हूं। जहां रोजाना हजारों लोगों से मुलाकात होती है और समय-समय पर नक्सली क्षेत्रों में भी जन सुनवाई के लिए जाता हूं। वहीं, बीते दिनों सरकारी आवास पर कुछ असामाजिक तत्वों ने हंगामा करते हुए मुझे जान से मारने की धमकी दी। अतः मुझे वाई श्रेणी की सुरक्षा (Y Category Security) प्रदान करने के लिए बिहार सरकार को आदेशित किया जाए।
बिहार DGP को भी किया सूचित: तेज प्रताप यादव ने बिहार पुलिस महानिदेशक मुख्यालय से भी उपरोक्त बातों को संदर्भित करते हुए सुरक्षा के दृष्टिकोण से वाई श्रेणी की सुरक्षा की मांग की है। जिसमें उन्होंने बताया कि मैं बिहार राज्य का कैबिनेट मंत्री भी रह चुका हूं, साथ ही मेरे सरकारी आवास पर हमला कर जान से मारने की धमकी दी गई है।
तेज प्रताप ने लगाए आरोप: सरकारी आवास पर हमले व जान से मारने की धमकी के बाद तेज प्रताप ने कहा कि बिहार में आए दिन अपराध का स्तर बढ़ रहा है। साथ ही आरोप लगाया कि केंद्र सरकार द्वारा जानबूझकर उन्हें सुरक्षा नहीं दी जा रही है और हत्या कराने की साजिश रची जा रही है। यदि उन्हें कुछ भी होता है उसकी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होगी।
क्या है पूरा मामला: दरअसल, बीते रविवार की शाम को कुछ असामाजिक तत्वों ने तेजप्रताप के पटना स्थित सरकारी आवास पर जबरन दाखिल होने के बाद समर्थकों के साथ मारपीट की थी। इसके अलावा हंगामा कर रहे लोगों ने तेज प्रताप के सहयोगी और युवा राजद उपाध्यक्ष सृजन स्वराज को जान से मारने की धमकी दी थी। हालांकि, हंगामे के बाद सृजन स्वराज ने घटना की शिकायत पटना के सचिवालय थाने में दर्ज कराई थी और सुरक्षा की मांग की थी।
क्या होती है वाई श्रेणी की सुरक्षा: बता दें कि, वाई श्रेणी की सुरक्षा (Y Category Security) में कुल 11 सुरक्षाकर्मी शामिल होते हैं। जिनमें दो निजी सुरक्षागार्ड (PSO) भी शामिल होते हैं। इस सुरक्षा श्रेणी में कमांडोंज की तैनाती नहीं होती है।