दिन 6 जनवरी, 2020… आज से 4 साल पहले एक गुड़गांव ऑफिस से लौट रहे हेल्थकेयर कंपनी के रीजनल मैनेजर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मैनेजर गौरव चंदेल 39 साल के थे। वे नोएडा के गौर सिटी में रहते थे। हत्या की रात वे कार से घर जा रहे थे। वे घर से 5 मिनट की दूरी पर थे तभी उनके सिर में गोली मार दी गई। इस तरह घर पहुंचने से पहले रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया।
हमला होने के बाद उन्होंने अपनी पत्नी को फोन कर बताया कि उनके सिर में गोली मारी गई है। इसके बाद उनके परिजन उन्हें खोजने पहुंचे। फोन के जीपीएस ट्रैकर के जरिए आखिरकार वे गौरव चंदेल तक पहुंचे। उन्होंने सुबह करीब 4.15 बजे पर्थला गोल चक्कर और हिंडन पुल के बीच गौरव चंदेल तक पहुंचे। हालांकि तब तक चंदेल की मौत हो चुकी था। परिजन ने पुलिस को मामले की सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने लूटपाट और हत्या का मामला दर्ज किया था। पुलिस एक महीने तक मामले को सुलझाने में लगी रही मगर कामयाब न हो सकी। अब चार साल बाद पुलिस ने फिंगर प्रिंट की मदद से आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
हत्या के एक हफ्ते बाद बरामद हुई थी कार
पुलिस को शक था कि लूटपाट के चक्कर में चंदेल की हत्या की गई है। पुलिस ने केस सॉल्व करने की कोशिश की मगर उस वक्त कामयाब नहीं हो सकी। हत्या के बाद पुलिस ने चंदेल की कार बरामद की। कार गाजियाबाद के आकाश नगर से बरामद हुई। क्राइम ब्रांच और फोरेंसिक विशेषज्ञों ने कार की जांच की। विशेषज्ञ ने पाया कि स्टीयरिंग के फिंगरप्रिंट तो चंदेल के प्रिंट से मैच खा रहे थे मगर कार के दरवाजे, कंसोल और गियर पर दो अज्ञात लोगों की उंगलियों के निशान थे। पुलिस को मिर्ची गिरोह पर शक था। यह गिरोह दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में कारजैकिंग, वसूली, अपहरण, डकैती और हत्या के प्रयास के कई मामलों में शामिल था।
घटना के बाद 26 जनवरी, 2020 को पुलिस ने गिरोह के शार्पशूटर उमेश पंडित को हापुड़ से गिरफ्तार किया। जांच से पता चला कि कार के दरवाजे से लिए गए उंगलियों के निशान उमेश से मैच कर रहे थे। इसके बाद पता चला कि चंदेल की हत्या में गिरोह के तीन लोगों सरगना आशु जाट, उसकी पत्नी पूनम और उमेश का हाथ था। तीनों ने मिलकर चंदेल की रेकी की औऱ फिर उनपर हमला किया। उनसे कार की चाबी छीनने की कोशिश की। इस दौरान हाथापाई हुआ और आशु ने कथित तौर पर चंदेल के सिर में दो बार गोली मार दी।
ऐसे पकड़ा गया आरोपा, खुद को सब्जी बेचने वाला बताकरा बदलता था ठिकाना
आशू उर्फ आकाश राजेंद्र सिंह (32) पुलिस से बचता रहा। सितंबर 2020 में उसे मुंबई पुलिस ने जोगेश्वरी पश्चिम प्रेम नगर से गिरफ्तार किया था। अधिकारियों ने कहा था कि आशु खुद को सब्जी विक्रेता बताकर अपनी पहचान छुपाता था और अपनी जगह बदल लेता था। गिरफ्तारी के बाद आशु को रिमांड पर यूपी लाया गया और आखिरकार चंदेल की हत्या के मामले में नोएडा पुलिस ने उसे रिमांड पर ले लिया। पुलिस ने बताया कि आशु और उमेश दोनों हत्या में शामिल थे, जबकि पूनम ने उनका साथ दिया था। फिलहाल मामला तीनों आरोपी नोएडा की लुक्सर जेल में बंद हैं।