लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए भाजपा कार्यकर्ताओं को लेकर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि कुछ गलत हुआ है। उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या केवल कार्रवाई की प्रतिक्रिया थी। राकेश टिकैत ने ये बातें मीडिया से बात करते हुए कही।

संयुक्त किसान मोर्चा की प्रेस कांफ्रेंस में जब यह सवाल पूछा गया तो योगेन्द्र यादव ने इसके जवाब के लिए राकेश टिकैत को माइक थमा दिया। जिसके बाद टिकैत ने कहा- वो कौन थे जो गाड़ी में थे, जिन्होंने लोगों को मारा… एक्शन का रिएक्शन है वो… कोई प्लानिंग नहीं है। यहां पर दोषी किसको कहते हैं, यहां पर गाड़ी टकराती है, तुरंत दोनों उतर कर सड़क पर लड़ने लगते हैं… वो क्या है, वो रिएक्शन है। वो हत्या में नहीं आता। रिएक्शन है वो… हम नहीं मानते दोषी।

लखीमपुर हिंसा पर आगे की रणनीति के लिए की गई इस प्रेस कांफ्रेंस में संयुक्त किसान मोर्चा ने घोषणा की है कि 12 अक्टूबर को देशभर के किसान लखीमपुर खीरी पहुंचेंगे। इसके साथ ही किसान लखनऊ में महापंचायत भी करेंगे। मोर्चा ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त करने और उनके बेटे आशीष की गिरफ्तारी की भी मांग की।

बता दें कि लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को प्रदर्शन कर रहे किसानों के ऊपर गाड़ियां चढ़ा दी गई थी। इसमें चार किसानों की मौत हो गई थी। किसान संगठनों ने इस घटना के लिए गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को दोषी ठहराया है। गाड़ी चढ़ाने की घटना के बाद हिंसा भड़क उठी और तीन बीजेपी कार्यकर्ता और एक स्थानीय पत्रकार इस हिंसा में मारे गए।

इस घटना के बाद किसान संगठनों के साथ-साथ विपक्ष भी मोदी-योगी सरकार पर हमलावर रूख अपनाए हुए है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी लखीमपुर खीरी का दौरा कर चुके हैं। राहुल और प्रियंका यहां मारे गए पत्रकार और किसानों के परिवारों से मिलने के लिए पहुंचे थे। प्रियंका गांधी ने मारे गए बीजेपी के कार्यकर्ता के परिवारों से भी मिलने की इच्छा जताई थी, लेकिन प्रशासन की ओर से कहा गया कि पीड़ित परिवार उनसे नहीं मिलना चाहता है।

इस घटना में किसानों से राज्य सरकार समझौता भी कर चुकी है, लेकिन आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर किसान और सरकार आमने सामने आ गए हैं। अभी तक किसानों के अनुसार इस घटना के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा, को गिरफ्तार नहीं किया गया है, जिससे किसान संगठन नाराज दिख रहे हैं।