अमेरिका में अब एक और भारतीय छात्र अमरनाथ घोष की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। 34 साल का मृतक वाशिंगटन विश्वविद्यालय का छात्र था। वह शास्त्रीय नर्तक था। उसकी मिसौरी के सेंट लुइस में गोली मारकर हत्या कर दी गई। वह कुचिपुड़ी और भरतनाट्यम नर्तक था। उसे सेंट लुइस एकेडमी और सेंट्रल वेस्ट इंड इलाके के पास कई गोलियां मारी गईं। जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई। वह पिछले साल पश्चिम बंगाल से अमेरिका गया था।
‘5 ऑन योर साइड’ की रिपोर्ट के अनुसार, सेंट लुइस मेट्रोपोलिटन पुलिस विभाग का कनहा है कि डेलमर बौलेवार्ड और क्लेरेंडन एवेन्यू में मंगलवार शाम सात बजकर 15 मिनट पर यह गोलीबारी हुई। मृतक घोष वाशिंगटन विश्वविद्यालय के ‘परफॉर्मिंग आर्ट्स’ विभाग से स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रहे थे। घोष बंगाल के सूरी शहर के रहने वाला था। वह चेन्नई के प्रतिष्ठित संस्थान कलाश्रेष्ठ का पूर्व छात्र था।
घोष के चाचा ने कहा, मौत की नहीं मिली पूरी जानकारी
इस बीच अमरनाथ के चाचा श्यामल घोष ने कहा कि अमेरिका में उनके भतीजे की मौत के बारे में उन्हें अब तक पूरी जानकारी नहीं मिली है, जबकि घटना को चार दिन बीत चुके हैं। मीडिया ने अमरनाथ की दोस्त हिमा कुप्पा के हवाले से कहा, ‘‘वह बैले डांस सीख रहा था। मुझे लगता है कि यह वाशिंगटन विश्वविद्यालय में पूर्ण छात्रवृत्ति थी। उनका सपना नृत्य में पीएचडी की उपाधि हासिल करना और हमारी कुचिपुड़ी कला अकादमी में हमारे साथ पूर्णकालिक काम करने का था।’’
अमरनाथ की हत्या के बाद शिकागो स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास ने स्थानीय पुलिस और विश्वविद्यालय के सामने यह मुद्दा उठाया। भारत के वाणिज्य दूतावास ने मृतक के रिश्तेदारों को हरसंभव मदद का उल्लेख करते हुए शिकागो में सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। पोस्ट में कहा गया कि उन्होंने हमले की जांच के लिए सेंट लुइस पुलिस और विश्वविद्यालय के समक्ष मामले को उठाया है।
माता-पिता की हो चुकी है मौत
मृतक के चाचा श्यामल घोष ने कहा, ‘‘हमने कई स्रोतों से उसके बारे में सुना लेकिन आज तक हमें उसकी मौत के बारे में पूरी जानकारी नहीं मिली है।’’ अमरनाथ के माता-पिता अब जिंदा नहीं हैं। अमरनाथ बंगाल के सूरी शहर के सुभाष पल्ली इलाके में रहता था। वह अपने माता-पिता की इकलौती संतान था।
इन मौतों का जवाब कौन देगा
बता दें कि पिछले दो महीनों में अमेरिका में भारतीय छात्रों की हत्या का यह छठवां मामला है। अमेरिका में 2024 की शुरुआत से अब तक भारतीय और भारतीय मूल के कम से कम आधा दर्जन छात्रों की मौत हुई है। हमलों की संख्या में बढ़ोंत्री ने लोगों के बीच चिंता पैदा कर दी है। हालांकि अभी तक इस पर भारत की तरफ से कोई ठोस कार्रवाई होती नहीं दिख रही है। इससे पहले जान्हवी कंडुला, भारतीय बिजनेस मैन सहित कई लोगों की मौत हो चुकी हैं। ये खबरें भारतीयों के मन में दहशत पैदा कर रही हैं। क्या यह हेट क्राइम का मामला है? देखना है कि भारत इन मौतों के खिलाफ क्या रुख अपनाता है।