बालाजी टेलीफिल्म्स के पूर्व सीओओ और स्टार टीवी के पूर्व उपाध्यक्ष जुल्फिकार अहमद खान, साथी जैद सामी किदवई और अपने स्थानीय ड्राइवर निकोडेमस मवानिया के साथ केन्या में 85 दिनों से लापता हैं। उनके गायब होने के बाद स्थानीय स्तर पर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई थी और फिर जैद की पत्नी ने 28 जुलाई को अदालत में गुहार लगाई है।

मुंबई के बांद्रा के रहने वाले जुल्फिकार अहमद खान के गायब होने के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी तेजी दिखाई है।मंत्रालय ने कहा है कि वह जुलाई से केन्या में लापता हुए दो भारतीय नागरिकों के मामले पर कड़ी नजर रखे हुए है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची इस मामले में शुक्रवार को दिल्ली में कहा कि “केन्या की एक अदालत में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की गई है। यह मुद्दा अब केन्या के उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। मामले में कई सुनवाई हो चुकी है और हमारा उच्चायोग लगातार केन्याई अधिकारियों के संपर्क में है।

बागची ने आगे कहा कि हम परिवार के कुछ सदस्यों के भी संपर्क में हैं। मुझे डर है कि वे अभी भी लापता हैं। जबकि केन्या में खान के वकील ने उसके अपहरण के लिए राज्य पुलिस को जिम्मेदार ठहराया है। वहीं, मुंबई में उनके परिवार ने उन्हें खोजने और वापस लाने के लिए पीएम मोदी के हस्तक्षेप की मांग की है।

खान के परिवार के मुताबिक, जुल्फिकार मई में मुंबई में अपनी नौकरी से इस्तीफा देकर जुलाई में केन्या की यात्रा पर गए थे। इस दौरान खान ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर मसाई मारा सफारी समेत कई सारे पोस्ट किए थे। जुल्फिकार अहमद खान 24 जुलाई को लौटने वाले थे लेकिन उनका अपने परिवार से 21 जुलाई को संपर्क टूट गया। जुल्फिकार के आखिरी लोकेशन के बारे में बताया गया है कि उन्हें अपने सहयोगियों के साथ 23 जुलाई की रात को वेस्टलैंड्स, नैरोबी के एक नाइट क्लब में देखा गया था। जहां उन्हें एक एक अनजान कार से कहीं दूर ले जाया गया था। बाद वह कार बरामद भी हुई। उस समय के गाड़ी के सभी दरवाजे खुले हुए थे और इंजन चालू था।

द स्टार के अनुसार, खान परिवार के वकील अहमदनासिर अब्दुल्लाही ने अदालत का रुख किया था, जिसमें न्यायमूर्ति हेडविग ओंगुडी ने 28 जुलाई को आदेश दिया कि तीनों लापता लोगों को अदालत में पेश किया जाए। हालांकि, 4 अगस्त को किया जाए, लेकिन लापता व्यक्तियों को आदेश के अनुसार पेश नहीं किया गया।

केन्याई मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, खान को आईटी एक्सपर्ट बताया गया है और कहा गया है कि खान और किदवई राष्ट्रपति विलियम रुटो के चुनाव अभियान में शामिल होने के लिए केन्या आए थे। हालांकि, तीन महीने होने को हैं और खान का कोई सुराग नहीं है इसलिए खान के मीडिया सहयोगियों ने उनका पता लगाने के लिए एक अभियान शुरू किया है।