Jal Jeevan Mission money laundering Case: जल जीवन मिशन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में कार्रवाई करते हुए ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने राजस्थान के 25 जगहों पर छापेमारी की है। रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों ने कुछ मंत्रियों और आईएएस के दफ्तर सहित कई जगहों पर छापा मारा। जानकारी के अनुसार, पीएचई (लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी) विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव IAS सुबोध अग्रवाल और मंत्री महेश जोशी के दफ्तर पर भी अधिकारी पहुंचे थे।

मामले में एक अधिकारी ने बताया कि मामले से जुड़े कुछ अन्य लोगों के खिलाफ भी धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जा रही है। एजेंसी ने इस मामले में सितंबर में भी इसी तरह की छापेमारी की थी। बता दें कि राज्य की 200 सदस्यीय विधानसभा के लिए 25 नवंबर को मतदान होगा।

क्या है जल जीवन मिशन घोटाले का मामला

जल जीवन मिशन मामले में सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने 20 हजार करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगाया था। दरअसल, जून में मीणा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया था औऱ कहा था “प्रधानमंत्री ने बजट में 2019 में घोषणा की थी कि हर घर तक शुद्ध जल पहुंचाना है। हर घर जल हर घर नल के लिए राज्य सरकार ने करोड़ों रूपये दिए थे। राजस्थान सरकार हर घर नल पहुंचाने में सबसे सबसे फिसड्डी है। इसमें हजारों करोड़ों का घोटाला किया गया। नियम कायदे कानून को तोड़कर गणपति ट्यूबबेल कंपनी और श्री श्याम ट्यूबल कंपनी शाहपुरा को इसका ठेका दिया गया। दोनों कंपनियों ने मिलकर 1000 करोड़ का घोटाला किया।

गणपति कंपनी ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर दो साल में 900 करोड़ काम के ऑर्डर लिए। इस घोटाले में पीएचईडी के अधिकारी भी शामिल हैं। इसमें इस्तेमाल की गई आईडी और सर्टिफिकेट भी फेक हैं। राजस्थान सरकार ने फर्जी लेटर हेड पर वर्क ऑर्डर दिए। कुल मिलाकर इस मामले में 20 हजार करोड़ का खेल हुआ है।” सांसद किरोड़ी लाल मीणा के इस आरोप के बाद राजस्थान सरकार में खलबली मच गई। ईडी ने इस मामले को लेकर पहले भी छापेमारी की थी। अब देखना है कि इस पूरे मामले में क्या खुलासा होता है।