राष्ट्र के निर्माण में राज्य और प्रशासन के अलावा अगर किसी का महत्त्वपूर्ण योगदान रहता है, तो वह है समाज। समाज के सहयोग से हम बड़े से बड़े सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं। हमारे पूर्वजों ने अगर आजादी पाई तो केवल और केवल समाज के संबल, साहस और दृढ़ निश्चय से। इसलिए बहुत जरूरी है कि हमारा समाज जिम्मेदार और सभ्य हो, तभी हम बहुआयामी और महत्त्वकांक्षी लक्ष्यों को पा सकते हैं। मगर आज हम देख रहे हैं कि हमारे समाज में सहिष्णुता की कमी होती जा रही है। आज कोई किसी की सुनने को तैयार नहीं है। अगर हमारी कोई जरा भी आलोचना कर दे तो हम झगड़ा करने लगते हैं। इसके अलावा आज हमारे खानपान में बेहद बदलाव आ गया है। आज हम जो भोजन करते हैं वह स्वादिष्ट तो है, लेकिन पोषण युक्त नहीं। फास्ट फूड और मांसाहार नई-नई बीमारियों को जन्म देता है। इसके अलावा हमारी वर्तमान पीढ़ी किसी न किसी प्रकार के नशे में लिप्त है। यह हमारे लिए गंभीर चिंता का विषय है।

महिला सुरक्षा भी एक गंभीर और संवेदनशील मुद्दा है। महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा, यौन हिंसा, कार्यस्थल पर उत्पीड़न आदि घटनाएं रोज देखने-सुनने को मिलती हैं, जो महिला सशक्तिकरण को बाधित करता है। हमारे रिश्ते-नाते भी जरूरत के हिसाब से बनने लगे हैं। इससे समाज में आपसी सहयोग की भावना खत्म होने लगी है। अक्सर हमारा समाज भ्रष्टाचार के लिए सरकार को कोसता रहता है, लेकिन हम देखते हैं कि सामाजिक भ्रष्टाचार कितना ज्यादा है। हर खाने-पीने की चीज में कितनी मिलावट हो रही है, तो वहीं आमजन खुद नियमों का पालन करने से परहेज करता है। इसके अलावा जातिवाद, कट्टरवाद और जो जहर सोशल मीडिया पर परोसा जाता है यह अपने आप में डरावना है, जो यह बताता है कि हमारा समाज बौद्धिक स्तर पर कितना शून्य हो चुका है। इसलिए समय की मांग है कि समाज अपना आत्मनिरीक्षण खुद करे।
’सौरव बुंदेला, भोपाल</p>

हताशा में हिंसा

नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम बनाए रखने की आड़ में पाकिस्तानी सेना की नापाक हरकत जारी है। उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा के टटवाल सेक्टर में एलओसी के पास अपने इलाके में पाकिस्तान आज अपनी किलेबंदी को मजबूत बनाने लगा है। वहां उसने नए बकंर, निगरानी चौकियां और अन्य निर्माण कार्य करना शुरू कर दिया है। भारत ने उसकी इस हरकत का पुरजोर विरोध किया है, क्योंकि उसका निर्माण कार्य नियंत्रण रेखा के नियमों के खिलाफ है। हमारे सैनिकों ने उसे बार-बार चेतावनी देते हुए कहा है कि उसने यह काम नहीं रोका तो उसे कड़े परिणाम भुगतना होंगे। आखिर डर कर पाकिस्तान को अपना काम बंद करके अपने क्षेत्र में जाना पड़ा है।

इन दिनों पाकिस्तानी सेना ने कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देने का जो अपना ध्येय बना रखा है और कश्मीर घाटी में वह आतंकी भेज रही है, उसे लेकर भारतीय सेना भी काफी सतर्क है और उसने कश्मीर में आल आउट प्रोग्राम चला रखा है। इस तरह पाकिस्तान के भेजे आतंकवादियों का सफाया कर पाकिस्तानी सेना को माकूल जवाब दिया जा रहा है। आज अनुच्छेद 370 हटने के बाद कश्मीर क्षेत्र में जो बदलाव आया है, वह पाकिस्तान को काफी चुभ रहा है। यही कारण है कि पाकिस्तान में चल रहे आतंकवादी प्रशिक्षण शिविरों पर आज एक बार फिर सर्जिकल स्ट्राइक करने की मांग भारत की जनता ओर से उठाई जा रही है, क्योंकि ये आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर उसकी हताशा के प्रतीक हैं।
’मनमोहन राजावत ‘राज’, शाजापुर