प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने विदेश दौरे को लेकर आए दिन चर्चा में रहते हैं। इसके लिए उन्हें विपक्ष के व्यंग्य का भी सामना करना पड़ता है। हमें नहीं भूलना चाहिए कि आज विश्व पटल पर भारत को तमाम देशों से अच्छे रिश्तों की सख्त जरूरत है। तीन जून को शुरू हुई पांच देशों की यात्रा में अफगान यात्रा के कुछ कूटनीतिक पहलू हैं। पिछले छह माह के भीतर प्रधानमंत्री का यह दूसरा अफगान दौरा है।
दोनों दौरों में प्रधानमंत्री ने अफगानिस्तान को कुछ नई सौगात दी है। इस सूत्र को अपना कर वे पाकिस्तान पर शिकंजा कसना और चीन के विरुद्ध अफगानिस्तान को एक हथियार की तरह इस्तेमाल करना चाहते हैं। प्रधानमंत्री की इस यात्रा से पाकिस्तानी खेमे में विरोध के सुर उठने लगे हैं। भारत इस तरीके को अपना कर ड्रैगन की चाल पर पानी फेरने में कितना कामयाब होगा यह देखने वाली बात होगा।
संजय दूबे, सुलतानपुर
