सुप्रीम कोर्ट के आदेश अनुसार सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को 31 जुलाई तक देश में एक देश एक राशन कार्ड योजना लागू करनी है। निसंदेह योजना काफी सराहनीय है और अगर गरीबों के नजरिए से देखा जाए तो उनके लिए यह काफी लाभकारी साबित हो सकती है।

एक गरीब राशन लेने के लिए कतार में घंटों प्रतीक्षा करता है। फिर भी उसे इस बात का भय निरंतर सताता ही रहता है कि उसको राशन मिल पाएगा की नहीं। कभी राशन खत्म हो जाना, कभी मशीन या सर्वर का काम न करना, कम राशन तौलना आदि कई समस्याएं आती हैं। इन सभी समस्याओं में से कुछ समस्याएं सरकार के बस से बाहर हैं, क्योंकि सरकार के कारिंदे ही भ्रष्टाचार की वजह से ऐसी योजनाओं को कामयाब नहीं होने देते। लेकिन कुछ कदम हैं जो सरकार को इस मामले में उठाने चाहिए। जैसे कि नागरिकों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए जाएं, उसकी सक्रियता को बढ़ाएं और अगर जनता को राशन मिलने में किसी तरह की कोई समस्या होती है जो कि सबसे बड़ी समस्या है और जो इस योजना में आएगी भी और हमने खुद व्यक्तिगत स्तर पर भी देखा है कि दूसरे क्षेत्र के कार्ड धारकों को अकारण ही तारीख मिलती है, उनको सिर्फ इंतजार कराया जाता है और तारीखें दी जाती हैं।

कतार में लगा व्यक्ति राशन का हकदार है। जैसे उसकी बारी आए और अगर दुकान पर राशन है तो उसको राशन मिलना चाहिए। लेकिन ज्यादातर जगहों पर ऐसा हो नहीं पाता। इसलिए ऐसी समस्या आने पर जनता सरकार के किसी भी प्रतिनिधि को शिकायत कर सकती हो व उससे तत्काल कार्रवाई की अपेक्षा भी कर सकती है, इसका भी बंदोबस्त सरकार को करना होगा। एक राष्ट्र एक राशन कार्ड तभी सफल होगा जब कार्ड धारक बिना किसी समस्या संपूर्ण देश में राशन प्राप्त कर सकेगा। मगर समस्या तो यह है कि देश छोड़िए, दूसरे मोहल्ले में जाते ही एक राष्ट्र एक राशन की नीतियां विफल हो जाती हैं।

’सर्वेश, लखनऊ</strong>