हाल ही में दिल्ली की दो घटनाएं। एक जहांगीरपुरी की और दूसरी शाहीनबाग। जहांगीरपुरी में शोभायात्रा पर पथराव उस वर्ग की भीड़ ने किया, जिसे देश की सेक्युलर जमात अल्पसंख्यक पीड़ित कहती नहीं अघाती।

वहां दिल्ली पुलिस और एमसीडी अतिक्रमण हटाने गए और बैरंग लौट आए। क्योंकि वहां मुसलिमों की एक भीड़ ने कानून और लोकतंत्र को पंगु बना दिया। सेक्युलर और मुसलिम वोट बैंक के व्यापारी सर्वोच्च न्यायालय पहुंच गए। इसके बाद दिल्ली पुलिस और एमसीडी बुलडोजर लेकर अतिक्रमण हटाने शाहीनबाग पहुंचे।

इस तमाशे और भीड़ के आगे कानून-व्यवस्था लाचार नजर आई, जो लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत नहीं है। मुसलिम वोट बैंक के सौदागरों द्वारा यह खतरनाक खेल देश के भविष्य के लिए अशुभ सिद्ध होगा।

नरेंद्र टोंक, मेरठ</strong>