विश्व में, विविधता में एकता का सबसे बेहतरीन और सटीक उदाहरण भारत को बताया जाता है। एक ऐसा देश, जहां विभिन्न भाषाओं का चलन है, विभिन्न धर्मों में संतुलन है। यही भारत की खूबसूरती है। मगर अभी देश में दिन-प्रतिदिन कुछ ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जो देश की अखंडता और एकता को तोड़ने का काम कर रहे हैं, जिसके कारण आज भारत में ‘विविधता में एकता’ पर प्रश्नचिह्न लग रहा है। अभी देश में हिजाब को लेकर एक जबर्दस्त आंदोलन छिड़ गया है, जो देश की गरिमा को, विश्व मंच पर धूमिल कर रही है। मामला अचानक कर्नाटक से उभरा है, जहां कुछ लड़कियों ने स्कूल में हिजाब पहन कर आना शुरू कर दिया। वहां के स्कूल प्रशासन ने उन्हें इस तरह के पहनावे के लिए रोका, जिसकी वजह से मामला कर्नाटक तक सीमित न होकर आज संपूर्ण भारत में पहुंच गया।

अचानक स्कूली लड़कियों ने हिजाब पहनना शुरू कर दिया, जो इस बात का सीधा प्रमाण है कि वे अपने धर्म को बढ़ावा देना चाहती हैं। यह बात बिल्कुल सही है कि पहनावे में सरकार दखल नहीं दे सकती, लड़कियां पूरी तरह स्वतंत्र हैं अपने पहनावे के लिए। पर शिक्षण संस्थान विद्या का केंद्र है, जहां का परिधान निर्धारित किया है। स्कूली ड्रेस, जाति-धर्म, अमीरी-गरीबी से हट कर होती है। लेकिन शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहनना या भगवा वस्त्र धारण करना पूरी तरह गलत है। संविधान के अनुच्छेद 14, 19 और 25 के अनुसार हिजाब पहना जा सकता है, कोई भी राज्य इसमें बाधा नहीं पहुंचा सकता, पर शिक्षा के केंद्र में धार्मिक पहनावे को जरूर रोका जा सकता है।

आज कुछ लोग हिजाब पहन कर विद्यालय आ रहे, कल कुछ लोग भगवा धारण कर विद्यालय आएंगे, परसों कोई पगड़ी पहन कर आएंगे, तो कल्पना कीजिए कि हिंदुस्तान की रूपरेखा कैसी होगी? कर्नाटक में अब तो लोगों ने सड़क पर विद्यालय के सामने नमाज भी अदा करना शुरू कर दिया है। धर्म की आड़ में लेकर शिक्षा के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। सही चीजों पर अगर प्रदर्शन करें तो कोई बात नहीं। ये प्रदर्शन करने का सही विषय नहीं है। अगर ऐसा ही रहा तो हम अपने देश का परिदृश्य बदलने की कल्पना कभी नहीं कर पाएंगे और भारत की छवि भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खराब हो जाएगी।

अलग-थलग पाकिस्तान</strong>

संपादकीय ‘कश्मीर का राग’ के विषय में यही कहना है कि पाकिस्तान पिछले काफी सालों से कश्मीर का राग अलापता रहा है और हमेशा ही उसे मुंह की खानी पड़ती है। अनुच्छेद तीन सौ सत्तर के रहते हमेशा वहां बैठी सरकार पाकिस्तान के कश्मीर राग का समर्थन करती रहती थी। भुट्टो से लेकर आज तक के शासन काल तक जब तक कश्मीर घाटी में अनुच्छेद तीन सौ सत्तर रहा, पाकिस्तान ने कश्मीर में कभी सुव्यवस्थित शासन व्यवस्था को कायम नहीं रहने दिया।

इसलिए पाकिस्तान को उसकी करनी का जवाब देने के लिए वर्तमान भाजपा सरकार ने कश्मीर को भारत से तोड़ने वाले अनुच्छेद का खात्मा कर दिया। अब वहां कश्मीर में होने वाली आतंकवादी घटनाएं काफी कम हो गई हैं। इस कारण आज पाकिस्तान काफी परेशान और बौखलाया हुआ है। पाकिस्तान हमेशा चीन को आगे रख कर कश्मीर का राग अलापता रहता है, पर लगता है कि आज विश्व जनमत पाकिस्तान के कश्मीर राग को कतई पसंद नहीं करता है।

  • मनमोहन राजावत ‘राज’, शाजापुर