त्योहार का नाम आते ही नजरों के सामने खुशियों से भरा माहौल, मिठाइयां, नए कपड़े, चेहरे पर मुस्कुराहट तैर जाती है। त्योहार मानो जैसे जिंदगी में रंग भरने का एक नया बहाना हो। चाहे त्योहार कोई भी हो- होली, दिवाली, बैसाखी या ईद, सभी पर खुशी ही तो मनाई जाती है। पर अब शायद त्योहार का मतलब जंग है, अपने धर्म को श्रेष्ठ दिखाने की।

अब हर त्योहार केवल त्योहार नहीं होगा, बल्कि लोगों के बीच प्रतिस्पर्धा होगी, अपने आप को ऊंचा दिखाने की। अब चाहे रामनवमी हो या ईद, पथराव जरूर होगा। कभी हनुमान चालीसा को लेकर, तो कभी अजान को लेकर, कभी लाउडस्पीकर को लेकर, तो कभी झंडे को लेकर टकराव होता रहा है। और इन सबके बीच अब और कोई चीज बची है, तो वह है राजनीति। यह वही राजनीति है, जिसने आज लोगों को धर्मों में बांट दिया है, और लोग अपने-अपने धर्म को श्रेष्ठ दिखाने की दौड़ में जुट गए हैं। इंसानियत को भूल गए हैं।
मैना कटारिया, फरीदाबाद

भारत की अहमियत

भारतीय संस्कृति और परंपरा के कायल पश्चिमी देश अब भारत की अहमियत समझ चुके हैं। वसुधैव कुटुंबकम की भावना रखने वाले भारत की आवश्यकता दुनिया को है। दुनिया के सात शक्तिशाली देशों ने मिल कर जी 7 का गठन किया। इन देशों के पास दुनिया की चालीस प्रतिशत जीडीपी है। रूस को जी 7 से निष्कासित कर दिया गया।

2020 में अमेरिका इसका अध्यक्ष था, तब पुतिन ने यहां तक कह दिया कि जी 7 आउटडेटेड संगठन है। पुतिन की प्रगाढ़ दोस्ती चीन से है और पुतिन ने कहा था कि चीन के बिना जी 7 का कोई महत्त्व नहीं है। अब जी 7 से जी 10 करने की तैयारी चल रही है, और इसमें भारत की अहम भूमिका हो सकती है। गरीब और असहाय देश की गिनती में आने वाला भारत विश्व का प्रतिनिधित्व कर रहा है।

जी 20 में भारत और चीन सदस्य हैं। चीन को छोड़ कर जी 20 में जो शक्तिशाली देशों को शामिल किया गया है, उसमें भारत की भूमिका अलग ही होगी। ब्रिटेन ने भारत को निमंत्रण दिया था। मगर कोरोना महामारी के कारण भारत भाग नहीं ले सका। पिछले चार सालों से जी 7 भारत को आमंत्रण देता रहा है, लेकिन अभी तक भारत ने जवाब नहीं दिया है। भारत ने पुलवामा हमले तक पाकिस्तान को मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा दे रखा था। लेकिन पाकिस्तान की हरकत सामने आ गई।

भारत ने तो अमेरिका को सीधा जवाब दे दिया है कि हमको कुछ भी कहने की जरूरत नही है। भविष्य में जी 7 या जी 10 में भारत शामिल होता भी है, तो पाकिस्तान और चीन को नागवार गुजरेगा। भारत की बढ़ती ताकत को दुनिया नजरअंदाज कैसे कर सकती है। भारत की तरक्की पर हर देश हमेशा नजर रखे हुए है। जी 7 में भारत शामिल होता है, तो इस संगठन में भारत की छवि कुछ अलग ही होगी।

रूस-यूके्रन की जंग में अमेरिका, यूरोप ने भारत को टोकने की हिम्मत तक नहीं की है। भारत के साथ बढ़ते संबंधों से पाकिस्तान और चीन की खराब भावना भारत के लिए कोई मायने नही रखती है। दुनिया का प्रतिनिधित्व करने वाले भारत की दिन दुगुनी और रात चौगुनी तरक्की हो, यही कामना है। भारत अब वैश्विक निर्णय लेने में समर्थ है।
कांतिलाल मांडोत, सूरत