आज शिक्षा लगभग हाशिये पर दिख रही है, लेकिन सच यह है कि शिक्षा ही एक ऐसा माध्यम है, जिसके जरिए हम अपने समाज और देश को आगे बढ़ा सकते हैं। इसी के सहारे एक समाज के सभ्य बनने का रास्ता तय हो सकता है और आर्थिक परेशानियों को दूर किया जा सकता है। शिक्षा हासिल करना हर एक व्यक्ति का अधिकार भी है। शिक्षा से ही रोजगार संभव है और एक परिवार को पालने के लिए रोजगार भी बहुत जरूरी है। एक शिक्षित व्यक्ति पर लोगों और समाज को जागरूक करने की जिम्मेदारी होती है। लेकिन आज भी हम इस कसौटी पर पर्याप्त उपलब्धि हासिल नहीं कर सके हैं। खासतौर पर अभी के दौर में शिक्षा जिस बुरी तरह प्रभावित हुई है, उसकी भरपाई कैसे और कितने दिनों में होगी, यह कहा नहीं जा सकता।
’लवली शर्मा, फरीदाबाद, हरियाणा
मुश्किल होता वक्त
महामारी के इस कठिन दौर में आम जनता को राहत देने के बजाय सरकारी तेल कंपनियां दिन-प्रतिदिन पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी कर रही हैं। दूसरी ओर, पेट्रोल डीजल के साथ-साथ सरसों के तेल भी महंगाई का आसमान छूते नजर आ रहे हैं। साथ ही खाने-पीने की अन्य सामग्रियां भी दिनोंदिन महंगी होती जा रही है। हाल ही में भारत की सबसे बड़ी दुग्ध उत्पादक कंपनी अमूल ने भी दूध के दामों में दो रुपए प्रति लीटर का इजाफा कर दिया। एक कंपनी को देखते हुए दूसरी कंपनियां भी इजाफे का अनुसरण करती हैं। ऐसे में आम आदमी के ऊपर अब महामारी से बड़ा संकट अपनी जीविका चलाना हो गया है। अगर सरकार लगातार बढ़ती महंगाई से अपना ध्यान हटाती रही, तो वह दिन दूर नहीं जब देश को महामारी के बजाय भुखमरी जैसे प्रकोप का सामना करना पड़े।
’श्याम मिश्रा, दिल्ली विवि, दिल्ली