जी हां, हमें राहत का एक समाचार चाहिए, जिसमें हिंदू-मुसलिम एक साथ दिखें, ऐसा कोई उपहार चाहिए। देश की आबोहवा में जिस तरह का जहर भरने की राजनीतिक गतिविधियां रोज सामने आती हैं, उनसे परेशान होकर देश का लगभग हर व्यक्ति ऐसा ही समाचार सुनने का इंतजार कर रहा है, ताकि लोग आपस में दिल खोल कर प्यार और अपनी खुशियां बांट सकें।
हर रोज कोई न कोई राजनेता ऐसा बयान देता है, जिससे वह खुद तो मीडिया में छा जाता है, लेकिन उस मनीष और फुरकान का क्या, जो पड़ोसी हैं और आपस में सब्जी-रोटी के लेन-देन से लेकर अपनी समस्याओं में एक-दूसरे के मददगार है!
ऐसे बयान उनके मन में भी ऐसी छोटी सोच को उत्पन्न कर देते हैं। सवाल है कि इसका नुकसान किसे होता है, जहरीले बयान देने वाले नेता का या देश का!
’हसन हैदर, जामिया मिल्लिया, दिल्ली</p>

