संपादकीय ‘सत्ता की डोर’ (22 अप्रैल) आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल द्वारा पंजाब में अपनी पार्टी को मिले प्रचंड बहुमत को देखते हुए मतदाताओं द्वारा दिए गए समर्थन का व्यक्तिगत भड़ास निकालने में प्रयोग करने का वर्णन करने वाला था। वास्तव में वे अपने आप को दिल्ली के अलावा पंजाब का भी मुख्यमंत्री समझने लगे हैं। भगवंत मान तो सिर्फ उनकी रबड़ की मुहर है।

पिछले दिनों कुछ अधिकारी अरविंद केजरीवाल से मिलने के लिए दिल्ली गए। जब कुछ विपक्षी दलों ने इस पर एतराज किया तो भगवंत मान ने स्पष्टीकरण दिया कि वे अधिकारी उनके कहने के बाद ही वहां गए थे! पूछा जा सकता है कि क्या मुख्यमंत्री के तौर पर भगवंत मान के पास इतनी समझ और क्षमता नहीं है कि वे अपने अधिकारियों को जैसा वे चाहते हैं उनसे वह सब कुछ करवा सकें!

इतना ही नहीं, अरविंद केजरीवाल के इशारे पर ही किसी समय उनके निकट सहयोगी रहे कुमार विश्वास के खिलाफ पंजाब विधानसभा चुनावों के समय काबिले-एतराज भाषण देने के लिए पुलिस भेज दी गई। ऐसा इसलिए कि अरविंद केजरीवाल के दिल्ली का मुख्यमंत्री बनने के बाद कुमार विश्वास के साथ उनके मतभेद हो गए और वह आम आदमी पार्टी से अलग हो गए।

चुनावों के समय पता नहीं कौन नेता क्या क्या कह देता है, क्या सभी के खिलाफ चुनाव जीतने के बाद पुलिस कार्रवाई किया जाना उचित है? पंजाब के मतदाताओं ने आम आदमी पार्टी में जो आवश्यकता से ज्यादा उम्मीद रख कर उनको प्रचंड बहुमत दिया है, उसका प्रयोग पंजाब के सम्मुख मुंह बाए खड़ी समस्याओं को हल करने के लिए करना चाहिए।

पंजाब में काफी समय से युवाओं में नशाखोरी की आदत बढ़ती जा रही है। नशीले पदार्थों का व्यापार करने वाला माफिया हावी होता जा रहा है, अवैध खनन बढ़ता जा रहा है, किसानों को उनकी फसलों का उचित दाम दिलवाना, उनके कर्जे माफ करना, बेकारी, महंगाई, गरीबी, बुनियादी सुविधाओं का विकास, उद्योगों को फिर से ऊपर उठाना, कानून-व्यवस्था को ठीक करना आदि समस्याएं हैं।

भगवंत मान को पंजाब के हालात देखते हुए इन समस्याओं को हल करने के लिए पुलिस तथा प्रशासन का समझदारी तथा सूझबूझ से प्रयोग करना चाहिए। अरविंद केजरीवाल को भी चाहिए कि वे पंजाब के मामलों में हस्तक्षेप न करें। पंजाब में बहुत सारे अनुभवी, ईमानदार, सबका हित चाहने वाले, समर्पित तथा कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी हैं। भगवंत मान को अपनी टीम में ऐसे अधिकारियों को शामिल करके बिना किसी बदले की कार्रवाई के अपना काम करना चाहिए। दिल्ली में भी समस्याएं बहुत हैं, अरविंद केजरीवाल को अपना ध्यान उन्हें हल करने में लगाना चाहिए।
शाम लाल कौशल, रोहतक