Vande Bharat Express vs Vande Metro: भारत में वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन के आने के बाद ट्रैवल टाइम काफी हद तक कम हो गया है। देश में मौजूदा समय में अलग-अलग राज्यों के कई शहरों में वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन दौड़ रही है। हालांकि, आम ट्रेनों की तुलना में वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों के किराए थोड़े ज्यादा हैं लेकिन ट्रैवल टाइम कम होने के चलते ये सेमी-हाई-स्पीड ट्रेन देश में सफल हो रही हैं। 2019 में वंदे भारत एक्सप्रेस की 18 ट्रेनों को लॉन्च किया गया था और भारतीय रेलवे के लिए ये गेमचेंजर साबित हुई है।

फिलहाल, देशभर में 82 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें चल रही हैं और आने वाले समय में बड़ी संख्या में पटरी पर दौड़ने के लिए तैयार हैं। इन ट्रेनों की कामयाबी को देखते हुए ही भारतीय रेलवे स्लीपर कोच वाली वंदे भारत एक्सप्रेस और वंदे मेट्रो (Vande Metro) को लाने पर काम कर रही है। हाल ही में जानकारी मिली थी कि जुलाई 2024 से वंदे मेट्रो का ट्रायल रन शुरू हो जाएगा।

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वंदे मेट्रो क्या है? (What is Vande Metro?)

वंदे मेट्रो की बात करें तो यह वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का ही एक वेरियंट है जिसे छोटी दूरी के लिए तैयार किया गया है। वंदे मेट्रो को मुख्यतः देश में उपनगरीय इलाकों में ट्रैवल को आसान बनाने के इरादे से पेश किया जा रहा है। वंदे मेट्रो के साथ भारतीय रेलवे का इरादा, यात्रियों को किफायती दाम में रैपिड और शटन जैसा एक्सपीरियंस ऑफर करने का है। यह नेटवर्क करीब 100-250 किलोमीटर की दूरी के साथ 124 शहरों को कनेक्ट करेगा और इंटर-सिटी व इंट्रा-सिटी ट्रैवल दोनों मुहैया कराएगा।

बात करें वंदे मेट्रो के कुछ बड़े रूट्स की तो इनमें दिल्ली से रेवाड़ी, आगरा से मथुरा, लखनऊ से कानपुर, भुवनेश्वर से बालासोर और तिरुपति से चेन्नई शामिल हैं। वंदे मेट्रो के प्रोटोटाइप को फिलहाल पंजाब में रेल कोच फैक्ट्री (RCF) कपूरथला में डिवेलप किया जा रहा है। वंदे मेट्रो का ट्रायल रन जुलाई 2024 से होना है और इसके बाद लॉन्च की तैयारी की जाएगी।

बता दें कि वंदे भारत की दोनों कैटेगिरी का एक ही उद्देश्य है और वो है ट्रैवल टाइम को कम करके सुविधाजनक सफर मुहैया कराना।

Difference between Vande Bharat Express, Vande Metro

रूट: वंदे मेट्रो को खासतौर पर देश में थोड़ी दूरी पर स्थित बड़े शहरों को जोड़ने का है ताकि छात्र और नौकरीपेशा लोगों को मदद मिल सके। वहीं वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन लंबी दूरी के शहरों को कवर करती है और कई बड़े शहरों को कनेक्ट करती है।

फ्रीक्वेंसी: वंदे मेट्रो की फ्रीक्वेंसी ज्यादा रखी जाएगी। माना जा रहा है कि यह ट्रेन दिन में चार से पांच बार दो शहरों के बीच चक्कर लगाएगी। वहीं बात करें वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की तो लंबू दूरी तय करने वाली यह ट्रेन दिन में एक या दो बार ऑपरेट होती है।

साइज़: दोनों ट्रेनों में कम से कम 12 और अधिकतम 16 कोच हो सकते हैं। लेकिन इनके डिब्बे की डिजाइननिंग अलग-अलग है। वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन में सभी यात्रियों के लिए सुविधाजनक सीटें उपलब्ध कराई गई हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वंदे मेट्रो में 100 यात्रियों के बैठने और 180 यात्रियों के खड़े होने की जगह होगी।

स्पीड: वंदे मेट्रो ट्रेन 130 किलोमीटर प्रति घंटे की टॉप स्पीड पकड़ सकती है। जबकि वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन ज्यादा फास्ट है और यह 183 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार पकड़ सकती है।