Who is Owner of Nirma Washing Powder: वॉशिंग पाउडर निरमा, वॉशिंग पाउंडर निरमा! टीवी पर आने वाला यह विज्ञापन एक समय घर-घर में मशहूर था। निरमा वॉशिंग पाउडर के विज्ञापन और पैकेट पर छपी लड़की की फोटो देशभर में ब्रैंड की पहचान बन गई थी। लेकिन क्या आपको पता है कि देश में इस ब्रैंड के लोकप्रिय व सफल होने के पीछे कौन है? गुजरात के एक किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले शख्स ने पैसे की तंगी से जूझते हुए अपनी लगन और मेहनत के साथ निरमा को देश के सबसे बड़े डिटर्जेंट ब्रैंड्स में से एक बना दिया। आज हम बात करेंगे करसनभाई पटेल की जो निरमा के कर्ता-धर्ता हैं।
कौन हैं करसनभाई पटेल?
करसनभाई पटेल का जन्म गुजरात के रूपपुर में 1945 को हुआ था। उनका परिवार आर्थिक तौर पर कमजोर था। लेकिन अपनी कड़ी मेहनत और लगन के चलते करसनभाई ने केमिस्ट्री की पढ़ाई की। उनकी नौकरी एक सरकारी लैब में एक लैबोरेटरी टेक्निशियन के तौर पर लग गई। इस नौकरी से उन्हें थोड़ी कमाई होने लगी। हालांकि, कारोबार करने के उनके जुनून और इच्छा के चलते उनकी तकदीर बाद में एकदम बदल गई।
निरमा की शुरुआत और गेम बदल गया…
साल 1969 में करसनभाई पटेल ने मार्केट में एक बड़े गैप को पहचाना और देखा कि कई ग्राहक महंगे डिटर्जेंट को खरीद पाने में सक्षम नहीं थे। उस समय बाजार में मिलने वाले अधिकतर डिटर्जेंट पाउडर ऊंची कीमतों पर ही उपलब्ध थे। इसे एक मौके की तरह देखते हुए करसनभाई ने निरमा (Nirma) नाम से एक किफायती डिटर्जेंट का फॉर्मूला तैयार कर दिया। 15000 रुपये के कर्ज के साथ उन्होंने बेसिक सामग्री के साथ अपने घर के पीछे पड़ी खाली जगह में निरमा वॉशिंग पाउंडर को बनाना शुरू कर दिया।
साइकिल से शुरू हुआ देश के घर-घर तक का सफर
करसनभाई पटेल ने अपनी साइकिल पर निरमा वॉशिंग पाउडर को घर-घर बेचना शुरू किया। निरमा के कम दाम और बढ़िया क्वॉलिटी के चलते इसने तेजी से ग्राहकों का ध्यान अपनी तरफ खींचा और जल्द ही यह घर-घर में छा गया। 13 रुपये प्रति किलोग्राम की कीमत में आने वाले निरमा ने डिटर्जेंट मार्केट में तूफान ला दिया और देशभर में यह जाना-पहचाना ब्रैंड बन गया।
घर से मैन्युफैक्चरिंग यूनिट तक का सफर
जैसे-जैसे डिमांड बढ़ी, करसनभाई पटेल ने प्रोडक्शन को बढ़ाने के लिए एक छोटी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट को किराए पर ले लिया। निरमा की सफलता के बाद करसनभाई ने साबुन, कॉस्मेटिक और पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स में भी एंट्री की। Nirma Limited में आज 18000 लोग काम करते हैं और कंपनी का रेवेन्यू 7000 करोड़ रुपये है। Nirma Group के तहत आने वाली इस कंपनी का टर्नओवर 23000 करोड़ रुपये है।
पहचान और उपलब्धि
एक छोटे कारोबारी से बिजनेस टायकूल बनने के करसनभाई पटेल के इस शानदार सफर में कई उपलब्धियां उन्हें मिलीं। उन्हें कई प्रतिष्ठित अवॉर्ड जैसे उद्योग रत्न अवॉर्ड (1990), गुजरात बिजनेसमैन अवॉर्ड (1998) और 2006 में Ernst & Young Lifetime Achievement Award मिल चुके हैं।