इस समय घर खरीदना काफी सस्ता हो गया है। क्योंकि ज्यादातर सरकारी और प्राइवेट बैंक 7 फीसदी से कम ब्याज पर होम लोन ऑफर कर रही हैं। अगर आप भी इस समय मकान या फ्लैट खरीदने की सोच रहे हैं। तो यह बेहतर समय होगा। वहीं अगर आप भी होम लोन लेकर मकान या फ्लैट खरीदने वाले हैं तो लोन अवधि, ब्याज दर और ईएमआई का कैलकुलेशन जरूर कर लें। क्योंकि अगर आप लोन अवधि बढ़ाते हैं तो आपकी EMI बेशक कम हो जाएगी। लेकिन इसमें आपको ब्याज ज्यादा देना होगा। ऐसे में आपको आर्थिक नुकसान ज्यादा होगा। आइए जानते हैं इसके बारे में….
10 साल टेन्योर बढ़ाने पर देनी होगी इतनी EMI – अगर आप 30 लाख रुपये का होम लोन लेते हैं और इस पर सरकारी और प्राइवेट बैंक की ओर से 7 फीसदी का ब्याज लिया जाता है। तो इस पर 10 साल के अंतर से EMI और ब्याज देनदारी पर कितना असर होगा।
लोन अवधि: 20 साल
ब्याज दर: 7% सालाना
EMI: 23,259
कुल टेन्योर में ब्याज: 25,82,153
कुल पेमेंट: 55,82,153
लोन टेन्योर: 30 साल
ब्याज दर: 7% सालाना
EMI: 19,959
कुल टेन्योर में ब्याज: 41,85,267
कुल पेमेंट: 71,85,267
ब्याज में होगी लाखों की सेविंग – होम लोन के इस गणित से आपको समझ में आ गया होगा कि, टेन्योर 10 साल बढ़ाने से 30 लाख रुपये के लोन पर बेशक 7 फीसदी ब्याज लिया जा रहा है। लेकिन दोनों ही कैलकुलेशन में 16 लाख रुपये आ अंतर आता है। जबकि EMI केवल 3300 रुपये ही कम होती है। इस उदाहरण के जरिए आप समझ सकते हैं कि, होम लोन आप जितने कम समय के लिए लेंगे। आपको बैंक को चुकाने वाली रकम में उतना ही कम ब्याज देना होगा।
लोन टेन्योर बढ़ने पर कर सकते हैं ये उपाय – यह बात तो साफ है कि अगर होम लोन टेन्योर लंबा रखने पर ईएमआई कम आएगी, लेकिन आपकी ब्याज की देनदारी होगी। लेकिन, इसका दूसरा पहलू यह है कि अगर आपने लंबा लोन रिपेमेंट टेन्योर रखा है, तो सैलरी ग्रोथ होने के साथ-साथ आप हर साल एकमुश्त रकम रेग्युलर इंटरवल पर ईएमआई के अलावा रिपेमेंट करे। इससे आपका प्रिंसिपल अमाउंट घटेगा। जिससे आपकी ब्याज देनदारी घटती जाएगी।
होम लोन लेने से पहले जान लें ये जरूरी बात – जब भी आप होम लोन के लिए अप्लाई करें। तो उससे पहले आपको अपनी क्षमताओं का पूरा आकलन जरूर कर लेना चाहिए। जैसे आपको होम लोन में मंथली रिपेमेंट क्षमता का आकलन करना चाहिए। इसके साथ ही EMI उतनी ही रखनी चाहिए। जिसका आप आसानी से भुगतान कर सकें।