भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने निवेशकों को आगाह करते हुए रविवार को कहा कि ऊंचा रिटर्न पाने की चाहत के बीच उन्हें सतर्क रहने की जरूरत है। दास ने रविवार को ‘जमाकर्ता प्रथम: पांच लाख रुपये का गारंटीशुदा समयबद्ध जमा बीमा भुगतान’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि ऊंचे रिटर्न या ज्यादा ब्याज के साथ जोखिम भी ज्यादा होता है। दास ने कहा, ‘‘ऐसी स्थिति में निवेशकों को ऊंचे रिटर्न पाने की इच्छा के साथ सावधानी बरतने की जरूरत है।’’

रिजर्व बैंक गवर्नर ने कहा, ‘‘एक बैंक ज्यादा ब्याज दर की पेशकश कर रहा है, तो जमाकर्ताओं को अपना पैसा लगाने के पहले खुद भी ज्यादा सजग होना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि ऊंची ब्याज दर की कुछ पेशकश व्यवहार्य भी हैं, लेकिन वहां पर भी जमाकर्ताओं को सजगता दिखानी होगी। दास ने कहा कि आरबीआई बैंकिंग प्रणाली को मजबूत एवं जुझारू बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन यह काम मिलकर करना होगा। उन्होंने कहा, ‘‘बैंकिंग प्रणाली से जुड़े हरेक हितधारक की यह साझा जिम्मेदारी है, चाहे वह बैंक प्रबंधन हो, ऑडिट समिति हो, जोखिम प्रबंधन समिति हो या कोई भी नियामकीय प्राधिकरण हो।’’

रिजर्व बैंक गवर्नर ने कहा कि जमाराशि के बीमा का भुगतान इस दिशा में अंतिम उपाय होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘आरबीआई निगरानी पद्धतियों को सशक्त करने के लिए नियामकीय निर्देशों में मजबूती लाने की रणनीति पर चलता रहा है। इससे यह सुनिश्चित हो सकेगा कि बैंक आगे बेहद लचीले ढंग से कामकाज जारी रखें।’’

इस अवसर पर दास ने मौद्रिक नीति की समीक्षा के समय के अपने बयान का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘देश ने महामारी के काल में साथ काम करके दिखाया है और अब समय आ गया है कि भारत विश्व अर्थव्यवस्था की वृद्धि का वाहक बन सकता है।’’ उन्होंने कहा कि बैंकिंग प्रणाली में शामिल सभी पक्षों के मिलकर काम करने से ही ऐसा हो पाएगा।

फ्रैंकलिन टेंपलटन MF यूनिटधारकों को आठवीं किस्त का पेमेंटः एसबीआई फंड्स मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड (एसबीआई एमएफ) सोमवार से फ्रैंकलिन टेंपलटन म्यूचुअल फंड की बंद हो चुकी छह योजनाओं के यूनिटधारकों को 985 करोड़ रुपये की आठवीं किस्त का भुगतान शुरू करेगी। फ्रैंकलिन टेंपलटन एमएफ के एक प्रवक्ता ने रविवार को कहा कि इस किस्त के बाद भुगतान की कुल रकम 26,098.2 करोड़ रुपये हो जाएगी। यह रकम 23 अप्रैल, 2020 तक प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियों (एयूएम) का 103.5 प्रतिशत है।

प्रवक्ता के अनुसार, इन योजनाओं को बंद करने के बाद कुल 25,114 करोड़ रुपये का वितरण किया गया है। फरवरी में पहली किस्त के रूप में निवेशकों को 9,122 करोड़ रुपये दिए गए थे। उसके बाद अप्रैल में 2,962 करोड़, मई में 2,489 करोड़, जून में 3,205 करोड़, जुलाई में 3,303 करोड़, सितंबर में 2,918 करोड़ और नवंबर में 1,115 रुपये दिए गए।