प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि अब बैंकों के डूबने पर जमाकर्ताओं का पैसा नहीं डूबता है और उनकी जमा का समयबद्ध तरीके से भुगतान किया जाता है। रविवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में ‘जमाकर्ता प्रथम: पांच लाख रुपये तक का गारंटीशुदा समयबद्ध जमा बीमा भुगतान’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि एक समय था जब जमाकर्ताओं को दबाव वाले बैंकों से अपना पैसा वापस पाने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ता था। गरीब, मध्यम वर्ग बरसों तक इस परेशानी से जूझता रहा।
मोदी ने कहा, ‘‘यदि बैंकों को बचाना है, तो जमाकर्ताओं को सुरक्षा देनी होगी। हमने बैंकों को बचाकर जमाकर्ताओं को यह सुरक्षा दी है।’’ उनके मुताबिक, ‘‘जमा बीमा भुगतान की गारंटी के पीछे की प्रेरणा जमाकर्ता हैं। एक साल में एक लाख जमाकर्ताओं को 1,300 करोड़ रूपये का भुगतान किया गया है।’ पीएम ने कहा कि सरकार ने कानून में बदलाव किया है जिससे बैंकों के बंद होने पर जमाकर्ताओं को समयबद्ध तरीके से उनकी जमा का भुगतान किया जाता है।
पीएम ने बताया कि सरकार ने दबाव वाले बैंकों से जमाकर्ताओं को मिलने वाली राशि को एक लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दिया है। इसके दायरे में 98 प्रतिशत खाताधारक आते हैं। 90 दिन के भीतर गारंटीशुदा समयबद्ध जमा बीमा भुगतान के दायरे में बैंकों में 76 करोड़ रुपये की जमा राशि आती है। बैंकिंग क्षेत्र में सुधारों पर प्रधानमंत्री ने कहा कि छोटे बैंकों को सक्षम बनाने, उनकी क्षमता और पारदर्शिता को बढ़ाने के लिए उनका विलय सार्वजनिक क्षेत्र के बड़े बैंकों के साथ किया जा रहा है। वित्तीय समावेशन और कर्ज तक सुगम पहुंच का सबसे अधिक लाभ महिलाओं को मिल रहा है।
बैंकों पर भरोसा करने में मदद मिलेगी- गोयलः केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बताया, “कुल 17 बैंक अपने जमाकर्ताओं को पैसा वापस करने में विफल रहे हैं। एक लाख रुपये की जमा राशि को बढ़ाकर पांच लाख रुपए कर दिया गया है। जमा बीमा ऋण गारंटी योजना के तहत लिया गया समय आठ से नौ साल था, जिसे घटाकर 90 दिन कर दिया गया है।” वह आगे बोले- इस योजना से लगभग 98 प्रतिशत जमा खातों को लाभ होगा। इससे भारतीयों को बैंकों पर भरोसा करने में मदद मिलेगी।
“ऊंचा रिटर्न पाने की इच्छा के साथ सतर्कता की भी जरूरत”: इसी बीच, भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने रविवार को निवेशकों को आगाह किया। उन्होंने ‘जमाकर्ता प्रथम: पांच लाख रुपये का गारंटीशुदा समयबद्ध जमा बीमा भुगतान’ कार्यक्रम में कहा कि करते हुए कहा है कि ऊंचा रिटर्न पाने की चाहत के बीच उन्हें सतर्कता बरतने की जरूरत है। ऐसा इसलिए, क्योंकि ऊंचे रिटर्न में जोखिम भी ऊंचा रहता है। गवर्नर के मुताबिक, आरबीआई बैंकिंग प्रणाली की मजबूती और जुझारू क्षमता को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।