कारोबार को लेकर अकसर कहा जाता रहा है कि टिकता वही है, जो बाजार की मांग और समय के साथ चलता है। धीरूभाई अंबानी द्वारा स्थापित रिलायंस समूह पर यह बात एकदम सटीक बैठती है। धीरूभाई अंबानी के बड़े बेटे मुकेश अंबानी ने भी उनकी विरासत को मजबूती से संभाला है और समय के साथ लगातार बदलाव भी किए हैं। एक दौर में टेक्सटाइल के कारोबार में दखल रखने वाले रिलायंस ने तेल के कारोबार में रुख किया था और अब जब दुनिया में कच्चे तेल की कीमतों में लगातार गिरावट देखी जा रही है तो मुकेश अंबानी नए कारोबार की तलाश में हैं, जो ऑनलाइन रिटेल, गेमिंग आदि के तौर पर हो सकता है।

मुकेश अंबानी ने 2014 में ही पिता धीरूभाई अंबानी की ओर से शुरू की गई पहली मुख्य कंपनी विमल को बेचने को फैसला लिया था। विमल ब्रांड के जरिए रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने एक समय में कपड़ों के मार्केट में धाक जमाई थी, लेकिन फिर धीरे-धीरे वह पेट्रोलियम के कारोबार में आ गए। लंबे समय तक कंपनी ने इस बिजनेस के जरिए मुनाफा कमाया, लेकिन फिर 2016 में कंपनी ने रिलायंस जियो के जरिए टेलीकॉम मार्केट में नए सिरे से उपस्थिति दर्ज कराई। रिलायंस ने न सिर्फ कॉलिंग प्लान सस्ते किए बल्कि डेटा प्लान्स भी काफी सस्ती दरों पर मुहैया कराए। उस वक्त ही कारोबारी दुनिया के दिग्गज खिलाड़ी मुकेश अंबानी ने यह संकेत दिए थे कि टेलीकॉम के जरिए वह डिजिटल दुनिया में भी बड़ा साम्राज्य खड़ा करने की तैयारी में हैं।

अब फेसबुक की ओर से रिलायंस जियो में 43,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के निवेश के बाद चीजें स्पष्ट हुई हैं। रिलायंस की ओर से वॉट्सऐप के साथ मिलकर जियो मार्ट की शुरुआत हुई है। वॉट्सऐप के जरिए जियो मार्ट से ऑर्डर किया जा सकता है। इस तरह अब रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने ऑनलाइन रिटेल में अपने दखल को मजबूती से बढ़ाया है।

गेमिंग इंडस्ट्री पर भी है अंबानी की नजर: पिछले दिनों माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला के साथ बातचीत में मुकेश अंबानी ने इस बात के संकेत दिए थे कि वह ऑनलाइन गेमिंग के कारोबार में उतरने वाले हैं। नडेला से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा था, ‘भारत में म्यूजिक, मूवीज और टेलीविजन को मिलाने के बाद भी गेमिंग बड़ी इंडस्ट्री साबित हो सकती है।’ फिलहाल रिलायंस जियो के देश में करीब 38 करोड़ यूजर्स हैं और मुकेश अंबानी की कंपनी के लिए इसके जरिए ऑइलाइन रिटेल के कारोबार में पकड़ बनाना आसान हो गया है।

क्रूड में गिरावट से मुकेश अंबानी को हुआ नुकसान: बता दें कि मुकेश अंबानी की संपत्ति में इस साल बड़ी गिरावट देखने को मिली है। पिछले ही दिनों ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक मुकेश अंबानी की दौलत में 28 फीसदी की गिरावट देखने को मिली थी। इसकी मुख्य वजह कच्चे तेल की कीमतों में जारी लगातार गिरावट थी। बता दें कि रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड का मुख्य बिजनेस अब तक ऑयल रिफाइनिंग का ही रहा है। हालांकि बीते कुछ सालों से तेजी से कंपनी खुद को बदल रही है।

रिलायंस इंडस्ट्रीज के 52 फीसदी के बराबर हुआ जियो: रिलायंस जियो की वैल्यूएशन फिलहाल 4,40,141 करोड़ रुपये है, जो उसकी पैरेंट कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के 52 फीसदी हिस्से के बराबर है। फिलहाल बीएसई सेंसेक्स में रिलायंस जियो मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से देश की 5वीं सबसे बड़ी कंपनी है। मार्केट के जानकारों के मुताबिक रिलायंस जियो की वैल्यूएशन में इस बड़े इजाफे की वजह फेसबुक की ओर से किया गया निवेश है। हालांकि बड़ा सवाल यह है कि इस मेगा डील से रिलायंस जियो को क्या हासिल होगा और फेसबुक की इसके पीछे क्या रणनीति है।

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