किसानों के लिए अपनी फसल को सीधे मंडी या बाजार तक पहुंचाने के लिए अब कोई मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी। कृषि मंत्रालय ने अन्नदाताओं की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए किसान रथ ऐप को लॉन्च किया है। इसके जरिए कृषि और बागवानी की फसलों को मंडी तक पहुंचाने के लिए प्राइमरी और सेकेंडरी वाहन को सर्च किया जा सकेगा। प्राइमरी ट्रांसपोर्टेशन का अर्थ फसल को मंडी, एफपीओ कलेक्शन सेंटर, वेयरहाउस आदि तक पहुंचाने के लिए होगा। इसके अलावा सेकेंडरी ट्रांसपोर्टेशन के तहत कृषि उत्पादों को मंडियों से राज्यों और राज्यों के बाहर स्थित अन्य मंडियों, प्रोसेसिंग यूनिट्स, रेलवे स्टेशन और होलसेलर्स तक पहुंचाया जा सकेगा।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने पिछले इस ऐप को लॉन्च करते हुए कहा था कि इससे किसानों को फसलों को लाने ले जाने की सुविधा मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के बीच भी किसानों को फसलों की कटाई और बुवाई के लिए मंजूरी दी गई है। इसके अलावा अब इस सुविधा के जरिए किसानों के उत्पाद पहले मंडी और फिर मंडी से देश भर की अन्य मंडियों और होलसेलर्स तक पहुंच सकेंगे। फिलहाल इस ऐप को 8 भाषाओं में लॉन्च किया गया है और यह एंड्रॉयड फोन पर उपलब्ध है।
किसानों के अलावा इस ऐप के जरिए कारोबारियों को भी मदद मिलेगी, जो फ्रीजर युक्त वाहनों को बुला सकेंगे। बता दें कि भारत में कृषि उत्पादों का मंडी एवं अन्य जगहों तक पहुंचना हमेशा से मुश्किल काम रहा है। इसके चलते किसानों को अकसर अपनी फसलें औने-पौने दामों पर बेचनी पड़ती थीं। कृषि मंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के बीच भी यह ऐप बड़ी मदद करेगा क्योंकि इस दौरान वाहनों की तलाश करना आसान काम नहीं है। इसके अलावा इस ऐप के जरिए किसानों और खरीददारों के बीच बिचौलियों की चेन भी खत्म हो जाएगी। इस ऐप के लिए सरकार ने ‘किसान का अपना वाहन’ टैगलाइन दी है।
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