Jammu Kashmir Vande Bharat: रेलवे इन्फ्रास्ट्रक्चर में लगातार बेहतर बनाने के लिए सरकार लगातार कोशिशें कर रही है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु के पम्बन ब्रिज (Pamban Bridge) के ऊपर ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। अब रेलवे कश्मीर में नए चिनाब ब्रिज (Chenab Bridge) के ऊपर पहली ट्रेन सर्विस दौड़ाने के लिए तैयार है। दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे ब्रिज चिनाब नदी तल से करीब 359 मीटर की ऊंचाई पर बना है और विज्ञान व इंजीनियरिंग का एक शानदार नमूना है।
Jammu, Katra to Srinagar Vande Bharat
बता दें कि हाल ही में आई एक जानकारी में खुलासा हुआ था कि वंदे भारत एक्सप्रेस कश्मीर घाटी को देश के बाकी हिस्से से जोड़ने वाली पहली ट्रेन होगी। जम्मू से श्रीनगर वंदे भारत ट्रेन जल्द ही श्री माता वैष्णो देवी कटरा (SVDK) और श्रीनगर के बीच दौड़ेगी।
दिल्ली एयरपोर्ट से यात्रा कर रहे हैं तो यह खबर आपके लिए है, घर से निकलने से पहले कर लें यह जरूरी काम
Jammu to Srinagar Vande Bharat Train Launch
बता दें कि पहले ही यह पुष्टि हो चुकी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कटरा से श्रीनगर जाने वाली पहली हाई-स्पीड ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे। पीएम मोदी 19 अप्रैल को यह ट्रेन लॉन्च करेंगे।
ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक प्रोजेक्ट (Udhampur-Srinagar-Baramulla Rail Link Project)
चिनाब ब्रिज महत्वाकांक्षी उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (USBRL) परियोजना का एक हिस्सा है। चिनाब ब्रिज न केवल इलाके को बल्कि लोगों आकांक्षाओं को भी जोड़ता है – कश्मीर घाटी को शेष भारत से हर मौसम के लिए विश्वसनीय रेल मार्ग से जोड़ता है।
RBI ने फिर दी गुड न्यूज, रेपो रेट में 0.5 प्रतिशत की कटौती, घट जाएगी आपके होम लोन, कार लोन की EMI
चिनाब ब्रिज की ऊंचाई, दूरी, लंबाई: Chenab Bridge Height, Distance, Length
सलाल बांध के पास चिनाब नदी पर 1,315 मीटर तक फैला, चिनाब पुल पर 467 मीटर की शानदार मुख्य मेहराब है, और 266 किमी प्रति घंटे तक की हवा की गति का सामना कर सकता है। यह ऊंचाई में एफिल टॉवर से भी अधिक ऊंचा है और नदी तल से लेकर रेल स्तर तक कुतुब मीनार से लगभग पांच गुना ऊंचा है।
चिनाब ब्रिज कंस्ट्रक्शन डिटेल: Chenab Bridge Construction Details
इस इंजीनियरिंग चमत्कार के निर्माण में 28,000 मीट्रिक टन से ज्यादा स्टील का इस्तेमाल किया गया था और भारतीय रेलवे में अपनी तरह की पहली केबल क्रेन प्रणाली शुरू की गई थी – जिसका इस्तेमाल दो विशाल केबल कारों और 100 मीटर से ज्यादा ऊंचे तोरणों के साथ 915 मीटर चौड़ी घाटी में सामग्री ले जाने के लिए किया जाता था।