कोरोना के संकट के चलते हुए लॉकडाउन के बीच सरकार ने मिडिल क्लास को बड़ी राहत देते हुए 5 लाख रुपये तक के इनकम टैक्स रिटर्न के तत्काल रिफंड का फैसला लिया है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने अपने ट्विटर हैंडल पर बताया, ‘कोरोना के चलते पैदा हुई स्थितियों के मद्देनजर करदाताओं को राहत देने के लिए भारत सरकार ने 5 लाख रुपये तक के इनकम टैक्स रिफंड और जीएसटी एवं कस्टम रिफंड को तत्काल जारी करने का फैसला लिया है।’

सरकार के इस फैसले से देश के 14 लाख करदाताओं को तत्काल लाभ मिलेगा। नौकरी जाने या फिर सैलरी में कटौती के संकट से जूझ रहे लोगों के लिए सरकार का यह फैसला बड़ी राहत बन सकता है। इनकम टैक्स रिफंड ऐसे लोगों को होता है, जिनकी आय पर टैक्स कट जाता है, लेकिन बाद में इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के दौरान इन्वेस्टमेंट दिखाने पर उन्हें काटी हुई रकम वापस की जाती है।

पूरे साल की कमाई, इन्वेस्टमेंट और उस पर काटे गए टैक्स के कैलकुलेशन के आधार पर आयकर विभाग की ओर से आईटीआर रिफंड जारी किया जाता है। टैक्स रिटर्न की प्रोसेसिंग के बाद आयकर विभाग आयकरदाताओं के खाते में रिफंड ट्रांसफर कर दिया जाता है। कई बार इस प्रक्रिया में एक महीने से ज्यादा का वक्त लग जाता है। यहां यह बात ध्यान रखने की जरूरत है कि आईटीआर रिफंड हासिल करने के लिए यह जरूरी है कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की वेबसाइट पर आप अपने बैंक खाते को वैलिडेट करा लें।

गौरतलब है कि सरकार की ओर से 1.7 लाख करोड़ रुपये के कोरोना पैकेज का ऐलान करते हुए 15 हजार रुपये से कम सैलरी वाले या फिर 100 से कम कर्मचारियों वाली कंपनी में नौकरी करने वाले एंप्लॉयीज के पीएफ के हिस्से को 3 महीने तक जमा करने का फैसला लिया है। यही नहीं नियोक्ता के 12 फीसदी हिस्से को भी जून तक सरकार ने अपनी ओर से जमा करने का ऐलान किया है।

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