Green hydrogen plant: ग्रीन हाइड्रोजन को भविष्य का ईंधन माना जा रहा है। इस क्षेत्र में भारतीय कंपनियों में मुकेश अंबानी और गौतम अडानी के बीच कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद। वहीं इस मुकाबले एक और भारतीय कंपनी कूदने की तैयारी में हैं। बता दें कि रिन्यूएबल एनर्जी फर्म रिन्यू पावर के चेयरमैन के मुताबिक कंपनी ने मिस्र सरकार के साथ अफ्रीकी देश में ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन करने का प्लान बनाया है।
कंपनी ने इस परियोजना के लिए 8 बिलियन डॉलर(63,000 करोड़ रुपये से अधिक) का निवेश करने के लिए एक शुरुआती समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। कंपनी के चेयरमैन अध्यक्ष सुमंत सिन्हा ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा कि रिन्यू, गोल्डमैन सैक्स ग्रुप इंक और अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी सहित निवेशकों के साथ आने वाले सालों में मिस्र में सालाना 220,000 टन स्वच्छ ईंधन का उत्पादन करने की योजना बना रहा है।
नई दिल्ली में मिस्र के दूतावास ने एक फेसबुक पोस्ट में जानकारी दी कि भारतीय कंपनी रिन्यू की योजना Suez Canal Economic Zone बनाने की है। रिन्यू के चेयरमैन सिन्हा ने कहा, “जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में उद्योगों को कार्बन मुक्त करने के लिए ग्रीन हाइड्रोजन काफी अहम है और इस क्षेत्र में हमारा लक्ष्य एक वैश्विक लीडर बनने का है।”
बता दें कि ग्रीन हाइड्रोजन को लेकर भारतीयों कंपनियों में रिन्यू के अलावा मुकेश अंबानी और गौतम अडानी ग्रुप भी पहले से ही इस क्षेत्र में भारी निवेश की योजना में शामिल हैं। दरअसल ग्रीन हाइड्रोजन पानी और क्लीन इलेक्ट्रिसिटी से बनती है और इसे भविष्य का ईंधन कहा जा रहा है।
वहीं ग्रीन एनर्जी को लेकर अंबानी और अडानी ग्रुप के निवेश को देखें तो मुकेश अंबानी ने ग्रीन एनर्जी में 75 अरब डॉलर के निवेश की घोषणा की है। जानकारों की मानें तो कंपनी का फोकस ग्रीन हाइड्रोजन पर हो सकता है। वहीं अडानी ग्रुप 2030 तक ग्रीन हाइड्रोजन सहित रिन्यूएबल एनर्जी इंफ्रास्ट्रक्चर में 70 बिलियन डॉलर का निवेश करेगा।