पूर्वी रेलवे भारत की समृद्ध और सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए ‘भारत गौरव’ योजना के तहत बोगियां को यात्रा एवं पर्यटन क्षेत्र को किराये पर देने के लिए तैयार है। पूर्वी रेलवे के महाप्रबंधक अरुण अरोड़ा ने यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि यह रेलवे का कोई निजीकरण नहीं है। इससे पर्यटकों को बिना बाधा के एक ही जगह सभी सुविधाएं पाने में मदद मिलेगी। अरोड़ा ने शनिवार को कहा, ‘‘भारतीय रेलवे की इस अहम पहल का उद्देश्य लोगों को देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और शानदार ऐतिहासिक स्थान दिखाना है।’’

उन्होंने बताया कि पूर्वी रेलवे ने निजी ऑपरेटरों को सहयोग मुहैया कराने की योजनाएं बना ली है। पूर्वी रेलवे मार्गों और स्थानों की योजना बनाने, ट्रेन संचालन, रखरखाव और समय की पाबंदी के लिए सहयोग मुहैया कराएगा। उन्होंने बताया कि सेवा प्रदाताओं को पर्यटकों को पैकेज देने की छूट होगी जिसमें रेल से यात्रा करना, ठहरना और पर्यटकों स्थलों का दौरा करना शामिल होगा।

अरोड़ा ने बताया कि ऑपरेटर उनसे नयी बोगियां भी खरीद सकता है। ट्रेन की डिजाइनिंग और आंतरिक साज सज्जा को रेलवे के मानकों के अनुसार अनुमति दी जाएगी। ट्रेनों के भीतर और बाहर दोनों जगह विज्ञापनों की अनुमति दी जाएगी।

पूर्वी रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि पर्यटक आधारित थीम के लिए रेल मंत्री अश्विन वैष्णव द्वारा घोषित ‘भारत गौरव’ नीति के तहत पेशेवर टूर ऑपरेटरों के पास पर्यटक ट्रेनों को चलाने का अवसर होगा, जिसमें वे एक एसी, 2एसी, 3एसी, स्लीपर और चेयर कार समेत ट्रेनों की 14 से 20 बोगियां पट्टे पर ले सकते हैं।

बता दें कि भारतीय रेलवे ने पर्यटन और व्यापार को बढ़ावा देने के लिए एक नई योजना शुरू की है। भारत गौरव योजना निजी संस्थाओं को थीम सर्किट के आधार पर ट्रेनें चलाने देगी। भारत गौरव योजना विशेष टूर पैकेज के लिए ट्रेनों को पट्टे पर देने को उदार बनाती है।

कोई भी इच्छुक, निजी या अन्य, थीम-आधारित ट्रेन सर्किट चलाने के लिए भारतीय रेलवे से संपर्क कर सकता है। यह व्यवस्था कम से कम दो साल तक चलेगी। ऑपरेटर ट्रेनों, आंतरिक और बाहरी को सजाने, विज्ञापन स्थान बेचने और सर्किट और ट्रेन को नाम देने में भी सक्षम होंगे।