देश की जानी मानी वाहन निर्माता कंपनी महिंद्रा ने भारत सरकार के साथ मिलकर कोरोनावायरस महामारी से लड़ने के लिए वेंटिलेटर बनाने का फैसला किया है, महिंद्रा की इगतपुरी और मुंबई प्लांट की टीमों ने इस महामारी से लड़ने के लिए 48 घंटों के भीतर पहला वेंटिलेटर प्रोटोटाइप भी तैयार कर लिया है। बता दें, प्रोटोटाइप बनाने के बाद कंपनी ने अपने वेंटिलेटर का परीक्षण भी शुरू कर दिया है, जो फिलहाल अंतिम चरण में है। महिंद्रा एंड महिंद्रा के प्रबंध निदेशक डॉ। पवन के गोयनका ने ट्विटर पर एक वीडियो भी साझा किया है, जिसमें वह अपनी टीम द्वारा बनाए जा रहे वेंटिलेटर के प्रयासों की सराहना कर रहे हैं।

डॉ पवन के द्वारा जिस वीडियो को साझा किया गया ळे, उसमें एक वेंटिलेटर को देखा जा सकता है, जिसकी पैकिंग अभी बाकी है। इसके साथ ही कंपनी वेंटिलेटर के लिए नाम की भी तलाश कर रही है। बता दे, कोरोनावायरस देशभर में फैल चुका है, करीब 32 लोगों की इसके चलते जान भी जा चुकी है। इस वायरस में ग्रसित रोगी को खुद को दूर रखना बहुत आवश्यक है। जिसमें रोगी को सांस लेने में परेशानी होती है, इसी को ध्यान में रखते हुए रोगी को वेंटिलेटर पर रखा जाता है।

इस महामारी से लड़ने के लिए देश की कई अन्य बड़ी कंपनियों ने भी अपना योगदान दिया है, जिसमें हीरो ग्रुप ने 1 करोड़ रुपये के साथ मास्क, सेनेटाइजर और वेंटिलेटर बनाने के साथ हर दिन करीब 10,000 लोगों को खाना खिलाने का वादा किया है। वहीं मारुति भी AgVa हेल्थकेयर के साथ मिलकर वेंटिलेटर्स का निर्माण करेगी, कंपनी की लक्ष्य है कि हर महीने 10,000 वेंटिलेटर्स का उत्पादन किया जा सके।

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इसके अलावा कोरोना वायरस के खिलाफ इस जंग में टाटा ग्रुप के चेयरमैन रतन टाटा ने Tata Trusts के माध्यम से 500 करोड़ रुपये और Tata Sons ने अतिरिक्त 1000 करोड़ रुपये की मदद का ऐलान किया है। वहीं महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने अपनी पूरी सैलेरी को इस महामारी में राहत कार्य के लिए दान करने की घोषणा की है।