Budget 2020 Effect on Imported Electric Vehicles: देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की डिमांड लगातार बढ़ रही है, यही कारण है कि ज्यादातर वाहन निर्माता कंपनी इलेक्ट्रिक वाहनों को यहां के बाजार में लांच कर रही हैं। लेकिन आज दशक के पहले यूनियन बजट (Budget 2020) में हुई घोषणा के बाद इलेक्ट्रिक वाहनों महंगे हो जाएंगे। आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2020-21 के बजट में विभिन्न प्रकार के इलेक्ट्रिक वाहनों पर सीमा शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव किया है।

सरकार की मंशा इनके स्थानीय उत्पादन को प्रोत्साहन देने की है। सीतारमण ने बजट पेश करते हुए कहा, “मेक इन इंडिया” पहल के तहत मोबाइल फोन, इलेक्ट्रिक वाहन और उनके कलपुर्जों के लिए एक बेहतर तरीके से तैयार सीमा शुल्क दरों की घोषणा की गई है। इससे देश में ही धीरे-धीरे मूल्यवर्धन क्षमता में बढ़ोतरी सुनिश्चित हो सकेगी। वित्त मंत्री ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों पर सीमा शुल्क दरों को संशोधित किया जा रहा है। साथ ही मोबाइल के कलपुर्जे पर भी दरें संशोधित की जा रही हैं।

घरेलू स्तर पर इलेक्ट्रिक वाहनों के विनिर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार ने एक अप्रैल, 2020 से आयातित वाणिज्यिक इलेक्ट्रिक वाहनों की पूर्ण निर्मित इकाइयों (CBU) पर सीमा शुल्क की दर को 25 से बढ़ाकर 40 प्रतिशत करने की घोषणा की है। वित्त मंत्री ने यात्री वाहनों की अर्ध तैयार या सेमी नॉक्ड डाउन (SKD) यूनिट के लिए सीमा शुल्क की दर को 15 से बढ़ाकर 30 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया है।

इसी तरह इलेक्ट्रिक बसों, ट्रकों और दोपहिया के एसकेडी के रूप में आयात पर सीमा शुल्क की दर को 15 से बढ़ाकर 25 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया है। यह वृद्धि एक अप्रैल, 2020 से लागू होगी। इसी तरह यात्री ईवी, तिपहिया, दोपहिया, बसों और ट्रकों के सीकेडी के रूप में आयात पर सीमा शुल्क को 10 से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया गया है। समझा जाता है कि इससे इकाइयां को विद्युत वाहनों और इनकी प्रणालियों को भारत में ही विनिर्मित करने को प्रोत्साहन मिलेगा

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इनपुट: भाषा