केंद्रीय बजट (Union Budget 2022) से पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने अपनी पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सवालिया निशान लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि पीएम मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए (NDA) सरकार साल 2016 से लगातार फेल रही है। यह बात भाजपा सांसद ने बिजनेस वेबसाइट “बिजनेस टुडे” को दिए इंटरव्यू में कही। उन्होंने इसके साथ ही मांग की है कि हिंदुस्तान की अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए आय पर लगने वाला कर (Income Tax) खत्म कर दिया जाना चाहिए।
यह पूछे जाने पर कि बजट नजदीक है। अगर आप वित्त मंत्री होत, तो कोरोना वायरस महामारी के प्रभाव को कम करने के लिए आप अभी तत्काल कौन से नीतिगत निर्णय लेते? उन्होंने जवाब में कहा- सबसे पहले मैं घोषणा करता कि एक अप्रैल से प्रभावी होने तक (जब तक हम वापस सामान्य नहीं हो जाते) तब तक कोई भी आयकर का भुगतान नहीं करेगा। एक बार जब स्थिति सामान्य हो जाती है तो मुझे लगता है कि हमें इसे स्थायी बनाना शुरू कर देना चाहिए। दूसरा, मैं ऋण पर ब्याज दरों को वर्तमान प्रमुख उधार दर 12 प्रतिशत से घटाकर नौ प्रतिशत करता। वह भी हमारे हाथ में है; बैंक ऐसा कर सकते हैं और सावधि जमा की ब्याज दरों को वर्तमान छह प्रतिशत से बढ़ाकर नौ प्रतिशत कर सकते हैं, ताकि लोग ज्यादा बचत करें। एक समय हम जीडीपी का 36 फीसदी बचा रहे थे और 80 फीसदी घरेलू उद्योगों से, पर आज हम घटकर 31 फीसदी पर आ गए हैं। और इसका मतलब है कि आपका निवेश भी कम है क्योंकि निवेश बचत से आता है। साथ ही मैं ब्याज दरें कम करूंगा।
उन्होंने तीसरे बिंदु का जिक्र करते हुए आगे बताया, “मैं नितिन गडकरी (केंद्रीय परिवहन मंत्री) से कहूंगा कि वे जितनी सड़कें बना सकते हैं, बनाएं और हम इसके लिए पैसे देंगे, नोट छापेंगे। लेकिन मुझे कहना होगा कि मोदी सरकार जून 2016 से विफल रही, क्योंकि अगर आप जीडीपी वृद्धि की योजना बनाते हैं तो यह 2016 से आठ प्रतिशत से गिरकर तीन प्रतिशत पर आ रही है।”
भारत पांच ट्रिलियन डॉलर वाली अर्थव्यवस्था (मोदी सरकार का बड़ा सपना है) का लक्ष्य कैसे हासिल करने के लिए क्या ग्रोथ रेट होनी चाहिए और हम इसे कैसे पा सकते हैं? इस सवाल पर वह बोले, “पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लिए हमें हर साल 14.8 प्रतिशत की विकास दर की जरूरत है। मुझे लगता है कि पी.वी. नरसिम्हा राव के आने पर भारत संभावित रूप से उस विकास दर को हासिल करने में सक्षम था; उन्होंने आठ प्रतिशत की विकास दर का उत्पादन किया, क्योंकि उन्होंने जो कुछ किया उसका मकसद लोगों को सशक्त बनाना था। भारत की विकास क्षमता का प्रदर्शन एक बार नरसिम्हा राव ने किया है। और मैं आपको बता रहा हूं, हम भविष्य में भी प्रदर्शन कर सकते हैं और अगले 10 वर्षों में चीन से आगे निकल सकते हैं।” स्वामी आर्थिक मामलों के भी जानकार हैं और वह पहले भी अपनी पार्टी और सरकार की नीतियों व कार्यशैली को लेकर हमलावर रहे हैं।
अधिक लोगों की राय 2.5 लाख से बढ़ सकती है IT छ्रट की सीमा”: इस बीच, केपीएमजी इंडिया (KPMG India) के एक सर्वे से पता चला है कि ज्यादातर लोगों का मानना है कि 2022-23 के बजट में इनकम टैक्स छूट की सीमा को 2.5 लाख रुपये से बढ़ाया जा सकता है। सर्वे के मुताबिक, 36% लोगों की राय है कि 80सी डिडक्शन के तहत कटौती की सीमा 1.5 लाख रुपए से बढ़ाई जा सकती है। वहीं, 19% बोले कि सैलरी वालों के लिए मानक कटौती की सीमा मौजूदा के 50,000 रुपए से बढ़ाई जा सकती है। बता दें कि केंद्रीय आम बजट एक फरवरी, 2022 को पेश होगा।