
कभी-कभी हम अपने काम का जरूरत से ज्यादा दबाव ले लेते हैं।
जब हमारे अंदर निंदा करने की प्रवृत्ति पैदा हो जाती है तो हमारा संयम समाप्त हो जाता है और हम…
आजकल ज्यादातर शादियों में पैसा खर्च करने की कोई सीमा नहीं रह गई है।
यह दुर्भाग्यपूर्ण ही है कि इस दौर में अधिकांश लोग नैतिकता पर बात करना नहीं चाहते हैं।
घर-परिवार से लेकर सामाजिक जिंदगी में ऐसी अनेक घटनाएं होती हैं जब हमारा व्यवहार हमारी छवि के अनुरूप नहीं होता।…
अक्सर हम दूसरों के बारे में कुछ ज्यादा ही दिलचस्पी रखते हैं। दूसरे व्यक्ति में जरूरत से ज्यादा दिलचस्पी एक…
जब अंदर अंहकार पैदा हो जाता है तो स्वयं को सर्वशक्तिमान मानने की प्रवृत्ति आती है। ऐसा महसूस होने लगता…
हम सब अपने जीवन में कई तरह की गलतियां करते हैं। गलतियां इतनी बुरी नहीं होती, जितनी हम उन्हें बना…
पिछले दिनों स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के एक शोध में यह बात सामने आई कि अपनी गलती स्वीकार करने वाले लोग जिंदगी…
जब हमें अपने उद्देश्य में सफलता प्राप्त नहीं होती तो जिंदगी अंधकारमय लगने लगती है
हमारी जिंदगी उस नाव की तरह है जो समय की धारा में अपने आप बहने लगती है। हम एक निश्चित…
दरअसल जब किसी भी तरह की कोई कुंठा हमारे मन में घर कर लेती है तो हमारी मानसिकता भी संकुचित…