यह हमारे समय की विडंबना ही कही जाएगी कि एक तरफ हम देश को वैश्विक फलक पर मजबूत प्रतिनिधि के…
कुछ समय पहले एक परिचित के वैवाहिक स्वागत समारोह में भाग लेने का अवसर मिला।
पौराणिक काल में चौमासे के मौसम में अधिक वर्षा, बाढ़ आदि के कारण रास्ते बंद हो जाते थे, इसलिए चातुर्मास…
बीते दिनों महाराष्ट्र में सरकार ने सदियों से चली आ रही रूढ़िवादी परंपरा को समाप्त कर एक सराहनीय कदम उठाया…
हमारी संस्कृति और परंपरा में मर्यादा के निर्वाह की बड़ी महिमा है।
समय-समय पर हमारी सरकार किसी न किसी उपलक्ष्य में सिक्के जारी करती है।
भारत में हमारी जीवन पद्धति आज भी अपने चिरकाल की अस्मिता और मर्यादाओं को लेकर निरतंरता में विद्यमान है।
पानी को धरती में जाने से रोकने का प्राचीन और पारंपरिक तरीका था कि जानवरों के गोबर के साथ चूने…
वेस्ट लैंड’ लिखने के दौर से ही इलियट इसके विस्तार और रचना विधान को लेकर दुविधा में थे।
कवि हरिवंशराय बच्चन ने लिखा था कि ‘इस पार प्रिये मधु है, तुम हो, उस पार न जाने क्या होगा’,…
इस साल उत्सवों का यह मौसम फिलहाल पूरा हो गया माना जा रहा है, लेकिन इसकी प्रक्रिया की स्मृतियां साल…