Satirist Sudhish Pachauri's column Baakhabar, व्यंग्यकार सुधीश पचौरी का कॉलम बाख़बर
सदन में काम बंद, बाहर नारे चालू! हरे पोस्टर, काले कपड़े और ‘बहिष्कार’ की धमकी…, क्या यही है नया लोकतंत्र? सियासत पर सुधीश पचौरी की नजर

जब से उपराष्ट्रपति ने अपने पद से एक दिन अचानक इस्तीफा दिया है, तब से सारे ‘कांड’ पर ‘जितने मुंह…

Bihar politics, caste equations, Jayaprakash Narayan, Lohia ideology
जयप्रकाश, लोहिया, कर्पूरी, रेणु के बिहार में जात-पात क्यों बना सबसे बड़ी ताकत? क्या ‘संपूर्ण क्रांति की आवाज’ फिर पूछेगी- ‘मैं कौन हूं?’

राजनीति का अपना स्वभाव होता है। वह सुलभ और आसान रास्ते से सफर करना चाहती है। जाति की पीठ की…

Dhankhar resignation, vice president jagdeep dhankhar, bjp dhankhar controversy
धनखड़ जी, क्या गलती हो गई आपसे? सत्ता दरबार ने फेयरवेल तक नहीं दी…, संघ भी चुप, सरकार भी मौन; पी. चिदंबरम का तीखा सवाल

राज्यसभा में विपक्ष आमतौर पर नियम 267 के तहत बहस पर जोर देता है। यह नियम सूचीबद्ध कार्य को स्थगित…

Rahul Gandhi protest, Parliament Monsoon Session
हर सत्र वही तमाशा… राहुल गांधी कब सीखेंगे राजनीति संसद में होती है, सड़क पर नहीं?

कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन में शामिल थे कई अन्य विपक्षी दलों के नेता, लेकिन मैं उनका जिक्र इसलिए नहीं कर…

Satirist Sudhish Pachauri's column Baakhabar, व्यंग्यकार सुधीश पचौरी का कॉलम बाख़बर
कभी जलेबी-समोसे पर लेबल तो कभी नेता जी के थप्पड़; सुधीश पचौरी बता रहे इस हफ्ते की अजीब-सच्ची खबरें

खबरों के इस ‘तुमुल कोलाहल कलह में’ एक सकारात्मक खबर आई कि शुभांशु शुक्ला तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ…

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जनसत्ता सरोकार: बेटी ने सोना दिया, गाड़ी दी, प्यार मांगा… मगर दहेज कम पड़ा, इसलिए उसे जीने नहीं दिया गया

मौजूदा दौर में किसी को दहेज के लिए भावनात्मक रूप से प्रताड़ित करना बीते जमाने की बात लगती है। जबकि…

Beti Bachao Beti Padhao, Odisha Suicide Case
ये देश ‘बेटी बचाओ’ नहीं, ‘बेटी जलाओ’ में माहिर है; तवलीन सिंह बोलीं—ओडिशा की जिंदा बेटी की चीख नहीं सुनी, अब राख पर जता रहे ‘बेशर्म’ संवेदना

बेटियों के खिलाफ जब दरिंदगी होती है, तो हमारे राजनेता वास्तव में असली संवेदना कभी नहीं जताते हैं, न असली…

Satirist Sudhish Pachauri's column Baakhabar, व्यंग्यकार सुधीश पचौरी का कॉलम बाख़बर
नेताओं के घूंसे, एंकरों की गालियां और नोबेल की पुकार; पढ़िए सुधीश पचौरी के व्यंग्य में लोकतंत्र का ‘LIVE तमाशा’

एक नेताजी ने जब रैली के ‘ट्रक’ पर चढ़ना चाहा तो उनको चढ़ने नहीं दिया गया। फिर विपक्ष के एक…

हम कौन थे और क्या हो गए? जब विचारों की जगह TRP का शोर गूंजने लगा, यही है भारत का बौद्धिक पतन; पढ़ें राकेश सिन्हा का दृष्टिकोण

भारत अपने वैशिष्ट्य को कभी छोड़ता नहीं है। स्वाध्याय, सत्संग और शास्त्रार्थ की परंपरा इतनी गहरी और प्राचीन है कि…

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दिल्ली में दोहराई गई हर साल वाली कहानी, पहली बारिश में ही डूब गई राजधानी, प्रशासन बेखबर, कब सुधरेगा सिस्टम?

पिछले सप्ताह मुझे सिर्फ थोड़ा-सा कष्ट हुआ बारिश की वजह से, लेकिन कई मेरे से अधिक बदकिस्मत लोग थे, जिनको…

नेहरू जी ने जो बनाया, वो आज भी टिका है… फिर पंद्रह दिन में क्यों सड़कें धंस जा रही हैं, चार दिन में टूट रहे पुल

समय और धन की इतनी भारी बर्बादी के कई कारण हैं। पहला कारण है पूरी तरह से जवाबदेही की कमी।…

Satirist Sudhish Pachauri's column Baakhabar, व्यंग्यकार सुधीश पचौरी का कॉलम बाख़बर
हर दिन एक नया बवाल, कहीं टीका तो कहीं वक्फ, धर्मनिरपेक्षता से लेकर कथा तक, राजनीति ने सबमें घुसपैठ की है

एक दिन जैसे ही आरएसएस के एक बड़े नेता ने यह कहा कि ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘समाजवाद’ शब्दों को संविधान से…

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