
देवभूमि उत्तराखंड जितना अपने तीर्थस्थलों के कारण प्रसिद्ध है उतना ही अपनी लोकसंस्कृति के कारण।
संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक हर वर्ष चालीस लाख टन प्लास्टिक का उत्पादन विश्व भर में होता है, पर केवल दस…
चक्रवात जैसी आपदाओं को हम रोक नहीं सकते, लेकिन उनका सामना या उनके असर को कम करने की दिशा में…
भारत पहले से जलवायु परिवर्तन की गहराती समस्या के मुद्दे पर दुनिया में अपना स्पष्ट पक्ष रखता रहा है।
हमने अपना विकास तो किया, लेकिन पशुओं के प्रकृति प्रदत्त आशियानों को छीनना भी शुरू कर दिया।
दुनिया की कई झीलें सूख रही हैं। अंधाधुंध पानी के दोहन के कारण यह नौबत आई है।
पर्यावरण को होने वाले नुकसान की वजह से केंद्र सरकार ने एकल प्लास्टिक के प्रयोग की चीजों को बंद करने…
उत्तराखंड में दरकते पहाड़, जमीन में धंसते कस्बे, अंधाधुंध निर्माण से हिमालयी क्षेत्र को गंभीर खतरा है।
आज मशीन युग की जरूरत है, मगर इसके साथ सब कुछ मशीनी होता जा रहा है।
विमानन उद्योग के बढ़ने के साथ ही वायुमंडल में ग्रीनहाउस गैस के उत्सर्जन को लेकर चिंताएं बढ़ती जा रही हैं।
भारतीय मौसम को लेकर अनुमान है कि मई के मध्य तक पश्चिमी विक्षोभ नौ बार और हलचल मचाएंगे।
गर्मियों की कार्य योजना के तहत दिल्ली सरकार आगामी आठ मई से दिल्ली में धूल कण विरोधी (एंटी डस्ट) अभियान…