प्रदूषण मुक्ति के बजटीय प्रयास
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार जलवायु परिवर्तन का दुष्प्रभाव न केवल सेहत पर विपरीत असर डाल रहा है, बल्कि प्रमुख खाद्य उत्पादों, फलों पर...
राजनीति: पक्षियों की सुरक्षा पर सवाल
प्रवासी पक्षी अपनी लंबी यात्रा से विभिन्न संस्कृतियों और परिवेशों को जोड़ने का कार्य करते हैं। ये पक्षी रेगिस्तान, समुद्र और पहाड़ों को पार...
राजनीति: विनाश रचती जंगल की आग
जंगलों में आग लगने की समस्या केवल उत्तराखंड की नहीं है। हिमाचल, जम्मू, छत्तीसगढ़, असम, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में भी हर वर्ष जंगल जलते...
राजनीति: कृषि नीतियां और विकास
केंद्र और राज्य सरकारें कृषि को घाटे वाला क्षेत्र कह कर उसे उबारने की बात तो करती हैं, लेकिन कृषि घाटे में क्यों बनी...
खत्म होती तालाब संस्कृति
भारतीय सामाजिक और सांस्कृतिक परंपरा में जल का संरक्षण करना हर व्यक्ति का परम कर्तव्य है। जब तक यह परंपरा चलती रही, तब तक...
राजनीति: जल संकट और चुनौतियां
भारत में पानी की किल्लत पिछले दस-पंद्रह सालों में ज्यादा बढ़ी है। इसका कारण सरकार की गलत नीतियां हैं। इन नीतियों का ही परिणाम...
राजनीति: विकास बनाम पर्यावरण
सरकारों ने गांधी के ‘स्वदेशी’ मॉडल को जिस तरह दरकिनार कर दिया, उसका नतीजा सामने है। देश के ज्यादातर बड़े शहर कई बड़ी पर्यावरणीय...
जलवायु: मौसम का पक्ष-विपक्ष
धरती पर जीवन के लिए ये मौसम उतने ही जरूरी हैं जितना की हमें जिंदा रहने के लिए जल और भोजन। यों तो हमारी...
रविवारीः शाकाहार बनाम मांसाहार
जबसे नए शोधों ने यह साबित किया है कि शाकाहार इंसान के लिए मांसाहार की तुलना में कहीं ज्यादा मुफीद और निरापद है, तबसे...
अखिलेश आर्येंदु : वीरान होते गांव
गांवों से कुटीर उद्योग खत्म हो गए हैं। पेड़ लगातार काटे जा रहे हैं। कुएं सूख गए हैं और जो बचे हैं वे सूखने...
खानपान : जैविक विविधता और जहरीले रसायन
पर्यावरणविदों के अनुसार कीटनाशकों से शोधित और छिड़काव किए टमाटर, बैंगन और सेब के खाने से किडनी, छाती, स्नायुतंत्र, पाचन अंग और मस्तिष्क पर...