केरल के विभिन्न हिस्सों में शनिवार रात से हो रही भारी बारिश के कारण राज्य के कई बांधों में जलस्तर खतरे के निशान तक पहुंच गया जबकि रविवार सुबह तक कई सड़कें जलमग्न हो गईं। मौसम विभाग ने कहा कि भारी बारिश की यह स्थिति अगले दो दिनों तक विशेष रूप से राज्य के दक्षिणी हिस्सों में बनी रहने की उम्मीद है। इडुक्की जिला प्रशासन ने बताया कि तमिलनाडु सरकार के मुताबिक रविवार सुबह मुल्लापेरियार बांध में जलस्तर 140 फुट तक पहुंच गया।
नतीजतन, पेरियार नदी के दोनों किनारों पर रहने वाले लोगों को अधिक सतर्क रहने के लिए कहा गया है, क्योंकि अगले 24 घंटे में जलस्तर बढ़ने पर बांध के द्वार खोले जा सकते हैं। पथानामथिट्टा में भारी बारिश होने के बाद जिला प्रशासन ने लोगों को अत्यधिक सावधानी बरतने की सलाह दी है, विशेष रूप से नदी के किनारे या भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने को कहा गया है।
समाचार चैनलों पर पथानामथिट्टा और कोल्लम जिलों के विभिन्न हिस्सों में जलमग्न सड़कों के दृश्य दिखाए जा रहे हैं। इन दोनों जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। कोट्टायम जिले में भी सुबह तेज बारिश हुई, लेकिन वहां से किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं है। केरल के कुछ हिस्सों में शनिवार को लगातार बारिश के कारण मामूली भूस्खलन हुआ और ट्रेन सेवाएं बाधित रहीं, जिसके कारण अधिकारियों को पहाड़ी इलाकों, नदी के किनारों और पर्यटन केंद्रों में अत्यधिक सावधानी बरतनी पड़ी।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शनिवार को तिरुवनंतपुरम में अत्यधिक भारी बारिश होने की आशंका जताई थी। जबकि ‘ऑरेंज अलर्ट’ के साथ कोल्लम, पथानामथिट्टा, अलाप्पुझा, कोट्टायम और इडुक्की जिलों में बहुत भारी वर्षा की चेतावनी जारी की गई थी। आईएमडी के एक बयान में कहा गया है कि 16 नवंबर तक केरल में एक या दो स्थानों पर गरज के साथ बिजली चमकने की भी संभावना है। ‘रेड अलर्ट’ 24 घंटों में 20 सेमी से अधिक भारी से अत्यधिक भारी बारिश का संकेत देता है, जबकि ‘ऑरेंज अलर्ट’ 6 सेमी से 20 सेमी तक बहुत भारी बारिश को दर्शाता है। ‘येलो अलर्ट’ का मतलब 6 से 11 सेंटीमीटर के बीच भारी बारिश है।
उधर, जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में इस मौसम में पहली बार तापमान शून्य से नीचे चला गया। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कश्मीर के कई इलाकों में रविवार सुबह कोहरे की परत छा गई, क्योंकि घाटी में तापमान शून्य से नीचे चला गया है। अधिकारियों ने बताया कि इस मौसम में पहली बार कश्मीर घाटी के सभी मौसम केंद्रों में रात का तापमान शून्य से नीचे दर्ज किया गया। श्रीनगर में बीती रात न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे 0.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो पिछली रात के 0.1 डिग्री सेल्सियस से कम है। उन्होंने कहा कि वार्षिक अमरनाथ यात्रा के आधार शिविर पहलगाम में न्यूनतम तापमान शून्य से 3.5 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। पहलगाम कश्मीर का सबसे ठंडा स्थान रहा।
हिमालयी क्षेत्र में अतिरिक्त रडार स्थापित होंगेः हिमालयी क्षेत्र में मौसम से जुड़ी घटनाओं की निगरानी एवं सटीक पूर्वानुमान जारी करने के लिये पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने अतिरिक्त रडारों को स्थापित करने की योजना बनाई है जिसके तहत हिमाचल प्रदेश एवं उत्तराखंड में डॉप्लर मौसम रडार स्थापित करने के लिये कार्य किया गया है। मंत्रालय के एक अधिकारी ने ‘भाषा’ को बताया कि हिमाचल प्रदेश में दो डॉप्लर मौसम रडार की स्थापना के लिये दो स्थलों को चिन्हित किया गया है जिसके लिये राज्य सरकार से अनापत्ति प्रमाणपत्र प्राप्त किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश में डॉप्लर मौसम रडार की स्थापना की परियोजना दिसंबर 2022 तक पूरा होने की संभावना है।
वहीं, जाने माने पर्यावरणविद और केंद्र की पर्यावरण संबंधी विभिन्न समितियों के सदस्य रहे प्रोफेसर सी आर बाबू ने समाचार एजेंसी “भाषा” को बताया कि वायु प्रदूषण, खासकर दिल्ली में मानव जीवन के लिए एक खतरा बन गया है। यह सिर्फ दिवाली के दिन पटाखे छोड़ने की वजह से नहीं है। ठंड के मौसम में वातावरण में वायु प्रदूषक बहुत अधिक होते हैं। दिल्ली की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि यहां का तापमान कम होने से वायु प्रदूषण बढ़ता है। दिल्ली में वायु प्रदूषण के हल के सवाल पर उन्होंने कहा- सबसे पहले तो हमें पर्यावरण की चुनौतियों को सामने लाना होगा और लोगों को इसके गंभीर खतरों से अवगत कराना होगा। उन्हें शिक्षित करना होगा। उन्हें बताना होगा कि यदि हमने पर्यावरण को नहीं बचाया तो मानवता भी नहीं बचेगी।