सरकार अब हर नागरिकों के लिए यूनिक Health ID Card बनाने जा रही है। बताया जा रहा है कि यह पूरी तरह से डिजिटल कार्ड होगा, जो बिल्कुल आधार के जैसा ही होगा। जैसे आधार में नंबर जारी किया जाता है वैसे ही इसमें भी नंबर जारी किया जाएगा। इस नंबर से ही किसी की व्यक्ति या मरीज की पहचान हो सकेगी। इसमें मरीज व उस व्यक्ति की पूरी डिटेल होगी कि कब- कब कौन सा इलाज किया गया है और साथ ही उस व्यक्ति का वर्तमान में कौन सा इलाज किया जा रहा है।
यूनिक हेल्थ कार्ड
बताया जा रहा है कि यह एक आधार के जैसा ही कार्ड होगा, जो व्यक्ति का डेटाबेस रखेगा। इस कार्ड को मरीज के मेडिकल रिकॉर्ड की जानकारी रखने के लिए तैयार किया जाएगा। ताकि जरुरत पड़ने पर उसे डॉक्टर को दिखाकर सही इलाज कराया जा सके। अगर कोई कराना चाहता है तो इस हेल्थ कार्ड की मदद से उसके मेडिकल कॉलेज की हिस्ट्री के बारे में जानकारी की जाएगी। फिर उसी आधार पर दवाईयां चलाई जाएंगी।
यूनिक हेल्थ कार्ड की खास बातें
यूनिक हेल्थ कार्ड से पता चल जाएगा कि उस व्यक्ति या मरीज का इलाज कहां-कहां हुआ है। इसके अलावा व्यक्ति की सेहत से जुड़ी जानकारी भी इस कार्ड में होगी। इसके होने से हर जगह मरीजों को अपनी बीमारी की डिटेल कागजों के साथ लेकर जाने की जरुरत नहीं होगी। केवल कार्ड को देखकर ही डॉक्टर उसकी स्थिति को जान सकेंगे और फिर इसी आधार पर आगे का इलाज शुरू होगा। इस कार्ड से व्यक्ति सरकारी योजनाओं के बारे में भी जानकारी हो जाएगी। साथ ही इसको आयुष्मान योजना के साथ लिंक भी किया जाएगा।
इस कार्ड में क्या दर्ज किया जाएगा
इस कार्ड को व्यक्ति के मोबाइल नंबर के साथ लिंक किया जाएगा। साथ ही आधार की पूरी जानकारी इस कार्ड में भरी जाएगी। इन दो रिकॉर्ड की मदद से यूनिक हेल्थ कार्ड बनाया जाएगा, जो एक हेल्थ अथॉरिटी बनाएगी। इस कार्ड को जनरेट करने के बाद पब्लिक हॉस्पिटल, कम्युनिटी हेल्थ सेंटर, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर या वैसा हेल्थकेयर प्रोवाइडर जो नेशनल हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर रजिस्ट्री से जुड़ेगा। अगर आप भी हेल्थ कार्ड बनाना चाहते हैं तो healthid.ndhm.gov.in पर जाकर खुद के रिकॉर्ड्स रजिस्टर करा सकते हैं।