आधार कार्ड (Aadhaar Card) देश में हर नागरिक के लिए अहम दस्तावेज बन चुका है। राशन और सिम कार्ड लेने से लेकर यह रेल यात्रा तक में काम आ जाता है। पर कई लोग हर जगह इसे साथ लेकर चलने में झंझट या दिक्कत समझते हैं। कुछ इसके खो जाने के डर को लेकर आशंकित रहते हैं। अगर आपको भी ये चीजें महसूस होती हैं, तब आप कुछ सरल तरीकों से पेपरलेस होकर आधार की सुविधा पा सकते हैं।

mAadhaar: एम आधार (mAadhaar) ऐप भारत में कहीं भी कभी भी इस्तेमाल किया जा सकता है। एम आधार एक वॉलेट में आधार कार्ड से कहीं अधिक है। एमआधार प्रोफाइल को एयरपोर्ट्स और रेलवे द्वारा वैध आईडी प्रूफ के रूप में स्वीकार किया जाता है। एम आधार ऐप के विभिन्न फायदे हैं। मसलन इसके जरिए आप खो चुके आधार कार्ड का नंबर हासिल कर सकते हैं। ऑफलाइन मोड में उसे दिखा सकते हैं।

यही नहीं, एम आधार के जरिए दस्तावेज के साथ या उसके बगैर भी आधार में एड्रेस अपडेट कर सकते हैं। एम आधार की मदद से आप अपने आधार या बायोमीट्रिक्स को लॉक कर उसे सुरक्षित कर सकते हैं। पेपरलेस केवाईसी साझा कर सकते हैं और ऑफलाइन मोड में आधार एसएमएस सेवा का इस्तेमाल आदि कर सकते हैं।

eAadhaar: यह आपके आधार कार्ड की पासवर्ड प्रोटेक्टेड (सुरक्षित) इलेक्ट्रॉनिक कॉपी होती है, जिस पर यूआईडीएआई के डिजिटल हस्ताक्षर होते हैं। आधार ऐक्ट (Aadhaar Act) के मुताबिक, ई-आधार आधार कार्ड की फिजिकल कॉपी के बराबर सभी जरूरी कामों में मान्य होता है। ई-आधार की वैधता को लेकर अधिक जानकारी यूआईडीएआई के सर्कुलर में हासिल की जा सकती है। ई-आधार को UIDAI की वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है। आप इसे पीडीएफ, स्कैन्ड इमेज या फिर फोटो के रूप में अपने फोन, पेन ड्राइव, पीसी, लैपटॉप, टैब, मेल या फिर क्लाउड स्पेस पर सुरक्षित रख सकते हैं।

वैसे, यूआईडीएआई की वेबसाइट से डाउनलोड किए गए ई-आधार को खोलने के लिए ‘एडोब रीडर’ नाम के सॉफ्टवेयर की जरूरत पड़ती है, जबकि इसे एक्सेस करने के लिए जो पासवर्ड होता है वह आपके नाम के शुरुआती चार लेटर और जन्मतिथि वाले वर्ष का कॉम्बिनेशन होता है। मान लीजिए कि आपका नाम सुरेश कुमार (SURESH KUMAR) है और आपका जन्म (Year of Birth) साल 1990 में हुआ है। ऐसे में आपके ई-आधार का पासवर्ड SURE1990 होगा।