Indian Railways IRCTC: दिल्ली-हावड़ा रेल रूट पर 27 घंटे बाद ट्रेन दौड़ तो गईं, पर मालगाड़ी दुघर्टना के कारण विभिन्न ट्रेनें बाधित हुईं। कुछ कैंसल की गईं, जबकि कुछ के मार्ग में फेरबदल किया गया। जानकारी के मुताबिक, 132 अन्य रूट्स से निकाली गईं। शताब्दी के साथ 29 गाड़ियों को निरस्त किया गया, जिसके चलते करीब 26 हजार से अधिक टिकट कैंसल कर दिए गए हैं।

हालांकि, कनेक्टिंग रिजर्वेशन की सुविधा के होने से लगभग 19 हजार मुसाफिरों को अन्य ट्रेनों में यात्री की छूट दे दी गई। मगर अव्यवस्था के आलम के बीच ट्रेनों की लेटलतीफी भी दिखी और इस वजह से प्लैटफॉर्म्स पर खासा भीड़ रही। दिल्ली से कानपुर के बीच चलने वाली श्रमशक्ति एक्सप्रेस समेत 80 से अधिक ट्रेनें देरी से आईं और गईं।

मीडिया ने जब इस सब के बारे में पूछा तो रेलवे अफसरों ने कहा कि कुछ गाड़ियों को कैंसल किया गया है, जबकि कुछ के रूट में बदलाव कर वे व्यवस्था को चला रहे हैं। उनका मकसद है कि दो दिनों के अंदर बेपटरी हुई गाड़ियां अपने समय से चलने लगें।

2819 उड़ीसा संपर्क क्रांति, 01819-01820 बीना एक्सप्रेस, 01811-01812 झांसी इंटरसिटी, 04191-04192 फफूंद इंटरसिटी और 04187-04188 टूंडला मेमू रविवार यानी 17 अक्टूबर, 2021 को अपने-अपने मूल स्टेशन से नहीं चलेंगी। वहीं, जिन गाड़ियों के समय में परिवर्तन किया गया है, वे इस प्रकार हैंः 02825 भुवनेश्वर-नई दिल्ली राजधानी 17 अक्टूबर को सुबह 10: 35 के बजाय दोपहर दो बजे खुलेगी।

15 अक्टूबर यानी शुक्रवार को तेजस एक्सप्रेस में 1320 यात्रियों को काफी वक्त रास्ते में काटना पड़ा। गाड़ी की देरी होने पर इन सभी मुसाफिरों को रेल टूरिज्म एंड कैटरिंग कॉरपोरेशन 250-250 रुपए का मुआवजा देगा। बताया गया कि सोमवार (18 अक्टूबर, 2021) तक यात्रियों के बैंक अकाउंट्स में यह रकम पहुंच जाएगी।

क्या है पूरा मामला?: दरअसल, दिल्ली रूट पर शुक्रवार तड़के रूरा और अंबियापुर के बीच मालगाड़ी बेपटरी हो गई थी। खाली मालगाड़ी के 24 डिब्बे पलट गए थे। यही वजह रही कि दिल्ली से कानपुर (यूपी) का सफर पूरा करने में ट्रेन को 14 घंटे लग गए, जबकि आमतौर पर यह फासला छह से सात घंटे के बीच पूरा हो जाता है। उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शिवम शर्मा के मुताबिक, इससे दिल्ली-हावड़ा की अप और डाउन लाइन पर ट्रेनों का परिचालन बाधित हो गया था।