Elections 2022: चुनाव आयोग (ECI) ने शनिवार (आठ जनवरी, 2022) को पांच सूबों के विधानसभा चुनाव का शेड्यूल जारी कर दिया। साथ ही उन चीजों का ब्यौरा दिया, जिसके जरिए उसकी निष्पक्ष चुनाव कराने की योजना है। आयोग के इस ऐलान के साथ ही इन पांचों जगह आदर्श आचार संहिता लागू हो गई। ईसी ने यह भी बताया कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के मद्देनजर कोई भी सियासी दल या कैंडिडेट किसी भी तरह की रैली या जनसभा, रोड शो, पद यात्रा या साइकिल या बाइक रैली या फिर नुक्कड़ सभाओं जैसे आयोजन 15 जनवरी तक नहीं कर सकेगा।
नई दिल्ली के विज्ञान भवन में पीसी के दौरान मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा- कोरोना से बचाव संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए चुनावी प्रक्रिया को संपन्न किया जाएगा। इसमें हिस्सा लेने वाले सभी कर्मियों को कोविड-19 रोधी टीके की एहतियाती खुराक दिलाना अनिवार्य रूप से सुनिश्चित किया जाएगा। सभी मतदान केंद्रों पर सैनिटाइजर और मास्क जैसी कोविड से बचाव की सुविधाएं उपलब्ध होंगी और मतदाता केंद्रों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी।
चंद्रा के मुताबिक, ‘‘रात आठ बजे से सुबह आठ बजे के बीच कोई सभा नहीं होगी। सार्वजनिक सड़कों पर कोई नुक्कड़ सभा नहीं होगी। चुनाव नतीजों के बाद कोई विजय जुलूस नहीं निकाला जाएगा।’’ उन्होंने आगे बताया कि आगे स्थिति की समीक्षा के बाद ही चुनाव प्रचार के लिये राज्यों में कोविड से संबंधित दिशानिर्देश के अनुसार कार्यक्रमों की अनुमति दी जाएगी।
बकौल चंद्रा, “सभी राज्यों को यह हलफनामा देना होगा कि वे सभी दिशानिर्देशों का पालन करेंगे। कोविड दिशानिर्देशों का पालन नहीं करने वाले कानूनी कार्रवाई के भागी होंगे। हम सुनिश्चित कर रहे हैं कि ज्यादा से ज्यादा डिटिजल चुनाव प्रचार हो।” वह यह भी बोले कि सभी मतदान केंद्रों पर सैनिटाइजर और मास्क जैसी कोविड से बचाव की सुविधाएं उपलब्ध होंगी और कोविड की स्थिति को देखते हुए मतदाता केंद्रों की संख्या बढ़ाई जाएगी।
आयोग ने राष्ट्रीय और राज्य स्तर की पार्टियों के स्टार प्रचारकों की सूची को भी 40 से घटाकर 30 कर दिया है। छोटे और गैर पंजीकृत दलों के लिए स्टार प्रचारकों की संख्या अब 20 की जगह 15 होगी। आयोग ने राजनीतिक दलों से कहा कि वे अपने कार्यक्रमों में शामिल होने वाले लोगों को सैनिटाइजर और मास्क उपलब्ध कराएं।
ईसी ने इस बार के चुनाव में दिव्यांगों (PwD), 80 साल से अधिक के मतदाताओं, जरूरी सेवाओं में सेवारत लोगों और कोविड-19 संक्रमित/संदिग्ध या फिर क्वारंटीन (घर पर या संस्थागत) को पोस्टल बैलट सुविधा मुहैया कराई है। आयोग ने यह भी कहा कि कोविड संक्रमित लोग और पृथक-वास में रहने वाले लोग मतदान के आखिरी घंटों में अपने मतदान केंद्रों पर मतदान कर सकेंगे तथा इस दौरान कोविड से सुरक्षा के पूरे एहतियाती उपाय किए जाएंगे।
cVIGIL App से नियम उल्लंघन की होगी शिकायतः ईसी एक नए ऐप को लेकर आया है, जिसका नाम cVIGIL है। विस चुनाव के दौरान भ्रष्टाचार से निपटने के लिए इसे लाया गया है। लोग इसके जरिए चुनावी आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत कर सकेंगे। ऐप की खासियत यह है कि यह केवल लाइव फोटो/वीडियो को ऐप के भीतर से ऑटो लोकेशन कैप्चर करने की अनुमति देता है, ताकि फ्लाइंग स्क्वॉड के लिए समयबद्ध तरीके से कार्रवाई करने के लिए डिजिटल प्रूफ सुनिश्चित हो सके। यह ऐप आप अपने मोबाइल फोन पर इंस्टॉल कर सकते हैं, पर इसे चलाने के लिए नेट और जीपीएस जरूरी है।
“EVM अब मुद्दा नहीं”: मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने शनिवार को कहा इलैक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का इस्तेमाल अब कोई मुद्दा नहीं है। गर्व की भावना है कि भारत ने एक ऐसी मशीन विकसित की है जो सटीक और तेज परिणाम देती है। चंद्रा के मुताबिक, ”ईवीएम 2004 से अस्तित्व में हैं और 315 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने ईवीएम का इस्तेमाल किया है। हम गर्व करते हैं कि इस देश ने एक ऐसी मशीन विकसित की है जो सटीक और तेज परिणाम देती है।”
सुरक्षा को CAPF के 50 हजार जवान किए जा रहे तैनातः पांच राज्यों में आगामी विधानसभा चुनावों के दौरान सुरक्षा प्रदान करने के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के लगभग 50 हजार जवानों को तैनात किया जा रहा है, जिनमें से ज्यादातर को उत्तर प्रदेश में भेजा जा रहा है, जहां सबसे अधिक 403 सीटें हैं और सात चरणों में सबसे लंबी मतदान अवधि है। आधिकारिक सू्त्रों ने यह जानकारी दी।
सुरक्षा प्रतिष्ठान के अधिकारियों ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) जैसी सीएपीएफ की 500 से अधिक कंपनियों को शुरुआती चरण में तैयार किया जा रहा है और आने वाले दिनों में कम से कम 100-150 और ऐसी इकाइयां जोड़ी जा सकती हैं।
कहां कितने फेज़ में इलेक्शन?: सियासी तौर पर सबसे अहम यूपी में सात चरणों में मतदान होगा। इसका आगाज 10 फरवरी को राज्य के पश्चिमी हिस्से के 11 जिलों की 58 सीटों पर मतदान के साथ होगी। वहीं, उत्तराखंड, पंजाब और गोवा में एक ही चरण में 14 फरवरी को वोट पड़ेंगे। मणिपुर में दो चरणों में 27 फरवरी और तीन मार्च को मतदान होगा। पांचों जगह वोटिंग के बाद 10 मार्च को मतगणना होगी।
इन चुनावों में सभी पांच राज्यों की कुल 690 विस सीटों पर वोटिंग होगी, जिसमें 18.34 करोड़ से अधिक लोग भागीदारी कर सकेंगे। इन 18.34 करोड़ मतदाताओं में से 8.55 करोड़ महिला मतदाता हैं। इसके लिए निर्वाचन आयोग द्वारा 2,15,368 मतदान केंद्र बनाए जाएंगे। कुल 690 निर्वाचन क्षेत्रों में से 133 सीटें अनुसूचित जातियों और 23 अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित हैं। (पीटीआई-भाषा इनपुट्स के साथ)