कोरोना वायरस के सबसे ताजा स्वरूप ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों के मद्देनजर दिल्ली में सख्तियां बढ़ती जा रही हैं। मंगलवार (11 जनवरी, 2022) को दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने अपने दिशा-निर्देशों को संशोधन कर दिया। कहा कि छूट प्राप्त श्रेणी में आने वाले कार्यालयों को छोड़कर सभी निजी कार्यालय बंद रहेंगे। इस दौरान वर्क फ्रॉम होम का पालन किया जाएगा। सभी रेस्तरां और बार बंद रहेंगे। हालांकि, टेकअवे की अनुमति रहेगी।
इससे पहले, डीडीएमए ने सोमवार को कोविड-19 संक्रमण पर रोक लगाने के लिए बार बंद करने के साथ ही रेस्तरां में बैठकर भोजन करने पर भी रोक लगा दी। हालांकि, डीडीएमए ने दिल्ली में लॉकडाउन लगाने का निर्णय अभी तक नहीं लिया है। उपराज्यपाल अनिल बैजल की अध्यक्षता में डीडीएमए की एक बैठक में इस बात पर चर्चा की गई कि मौजूदा पाबंदियों को कैसे सख्ती से लागू किया जाए ताकि कोरोना वायरस और इसके नए स्वरूप ओमीक्रोन के फैलने पर अंकुश लगाया जा सके। इस बैठक में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी शामिल थे। बैठक में इस बात पर मंथन हुआ कि दिल्ली में लगाई गई पाबंदियों को समूचे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में भी लागू करना चाहिए।
बैजल ने ट्वीट किया, ‘कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ने के मद्देनजर हमने रेस्तरां और बार बंद करने का फैसला किया, लेकिन रेस्तरां से भोजन घर ले जाने की सुविधा रहेगी। यह भी निर्णय लिया गया कि प्रति जोन हर दिन केवल एक साप्ताहिक बाजार के संचालन की अनुमति दी जाएगी।’’ उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘अधिकारियों को सलाह दी गई है कि वह बाजार और सार्वजनिक स्थानों पर कड़ाई के साथ यह सुनिश्चित करें कि लोग मास्क लगाएं और सामाजिक दूरी के नियम का पालन करें, ताकि वायरस के चक्र को तोड़ा जा सके।’’


बैठक में मेट्रो ट्रेन-बसों में 50 फीसदी सीट पर ही सवारियों को बैठने की अनुमति देने पर चर्चा हुई। इसके पहले केजरीवाल ने रविवार को कोरोना वायरस संक्रमण के तेज गति से फैलने को गंभीर चिंता बताया था। हालांकि, केजरीवाल ने भी लॉकडाउन लगाने की योजना से इनकार कर दिया था। केजरीवाल ने कहा था कि यदि लोग मास्क पहनते हैं, तो लॉकडाउन नहीं लगाया जाएगा। इस बीच, मंगलवार (11 जनवरी, 2021) को दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) संयोजक अरविंद केजरीवाल दोपहर 12 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करेंगे। माना जा रहा है कि वह इस दौरान कोरोना वायरस के ताजा स्वरूप ओमिक्रॉन के कारण पनपे संकट को लेकर शहरवासियों से अहम संवाद कर सकते हैं।
‘1 लाख केस 18,000 ICU बेड्स चाहिए होंगे’: दिल्ली सरकार के अनुमान के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी में अगर कोरोना वायरस संक्रमण के एक लाख दैनिक मामले सामने आते हैं तो कोविड मरीजों के लिए कम से कम 18 हजार आईसीयू बिस्तर और 28 हजार ऑक्सीजन बिस्तरों की जरूरत पड़ेगी। एक लाख दैनिक मामले सामने आने पर कोविड-19 के केवल पांच प्रतिशत मामलों में ही अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत होगी। अनुमान के अनुसार, चार हजार मरीजों को ऑक्सीजन बिस्तरों की जरूरत होगी तथा एक हजार मरीजों को आईसीयू बिस्तरों की आवश्यकता पड़ सकती है। वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप से संक्रमण की तीसरी लहर के दौरान तैयारी की समीक्षा के लिए आहूत दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक में सोमवार को सरकार ने यह अनुमान पेश किया।
राजधानी में एक दिन में 19,166 नए केसः राष्ट्रीय राजधानी में पिछले एक दिन में कोविड-19 से 17 मरीजों की मौत हो गई और संक्रमण के 19,166 नए मामले सामने आए। यह पिछले वर्ष चार मई के बाद से सामने आए संक्रमण के दैनिक मामलों की सर्वाधिक संख्या है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, संक्रमण की दर 25 प्रतिशत दर्ज की गई। राष्ट्रीय राजधानी में रविवार को भी कोविड से इतने ही लोगों की मौत हुई थी। दिल्ली में पिछले 10 दिन में महामारी से 70 लोगों की मौत हो चुकी है। विभाग के अनुसार, अभी 65,803 लोग उपचाराधीन हैं जिसमें से 1,912 मरीज अस्पताल में हैं।
18 हजार से ज्यादा लोगों ने कोविड टीके की एहतियाती खुराक लीः राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार को 6,212 स्वास्थ्यकर्मियों समेत कुल 18,795 लोगों को कोविड-19 रोधी टीके की ‘‘एहतियाती खुराक’’ दी गई। सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी सामने आई। दिल्ली में साठ वर्ष की उम्र से अधिक 8,040 लोगों तथा अग्रिम मोर्चे के 4,543 कर्मियों को टीके की तीसरी खुराक दी गई। स्वास्थ्य कर्मी, अग्रिम मोर्चे के कर्मी और साठ साल या उससे अधिक उम्र के लगभग तीन लाख लोग. जिन्होंने नौ महीने पहले टीके की दूसरी खुराक ली थी, वे सोमवार से तीसरी खुराक लेने के लिए पात्र हो गए हैं।